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देश के औद्योगिक उत्पादन में अनुमान से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है. मार्च में औद्योगिक उत्पादन दर 4.4 फीसदी रही, जबकि फरवरी में यह 7.1 फीसदी थी, मार्च महीने में आई इस गिरावट में हैंडटूल्स, गोल्ड ज्वैलरी, पेपर और रेडिमेड गारमेंट के उत्पादन में आई कमी का हाथ रहा है. यह पांच महीने का न्यूनतम औद्योगिक उत्पादन दर है.
अर्थशास्त्रियों के बीच हुए ब्लूमबर्ग की रायशुमारी में औद्योगिक उत्पादन को दिखाने वाले सूचकांक आईआईपी में 6.2 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था. अक्टूबर 2017 में औद्योगिक उत्पादन गिर कर 2.2 फीसदी पर पहुंच गया था. वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 2016-17 की तुलना में औद्योगिक उत्पादन 4.3 फीसदी बढ़ गया था.
औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के मुताबिक प्राइमरी गुड्स के उत्पादन में 2.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि कैपिटल गुड्स यानी पूंजीगत सामान की उत्पादन में चौंकाने वाली 1.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. पिछले साल मार्च की तुलना में इस साल मार्च में इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन गुड्स सेगमेंट में 8.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स में मार्च में भी 10.9 फीसदी की तगड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई. लेकिन कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स की बढ़ोतरी घट कर 2.9 फीसदी रह गई. इसकी अहम वजह गोल्ड ज्वैलरी सेगमेंट में घटा उत्पादन है. इस सेगमेंट में 2017 मार्च की तुलना में 2018 मार्च में 66.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
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