Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business news  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, साल में पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, साल में पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे

विदेश मुद्रा भंडार 3 सितंबर 2021 को 642.453 अरब अमरीकी डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था

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बिजनेस न्यूज
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देश का विदेशी पूंजी भंडार 1.10 अरब डॉलर बढ़ा
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देश का विदेशी पूंजी भंडार 1.10 अरब डॉलर बढ़ा
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लगातार आठ हफ्तों की गिरावट के बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) 600 अरब डॉलर से नीचे चला गया है. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार 29 अप्रैल, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 2.695 अरब डॉलर घटकर 597.73 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

एक साल में पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे

देश का विदेशी मुद्रा भंडार जिसे 'आयात कवर' माना जाता है, जून 2021 में पहली बार 600 अरब अमरीकी डालर के पार पहुंच गया था. इसके बाद विदेश मुद्रा भंडार 3 सितंबर 2021 को 642.453 अरब अमरीकी डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. तब से अब तक इसमें 45 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.

हाल के महीनों में रुपया कई कारकों से कमजोर हुआ है. 7 मार्च को 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 76.97 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आठ हफ्तों की गिरावट 11 मार्च से शुरू हुई थी.

शुक्रवार, 6 मई को रुपया 76.93 प्रति USD पर कारोबार को समाप्त करते हुए फिर से अपने सर्वकालिक निचले स्तर के करीब पहुंच गया.

रूस-युक्रेन युद्ध का असर

रूस-युक्रेन युद्ध सहित विभिन्न वैश्विक कारकों की वजह से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट हुई है. NDTV के अनुसार, 24 फरवरी के बाद से भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 34 अरब अमरीकी डालर या लगभग 5.4 प्रतिशत की कमी आई है.

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों और कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि ने दुनिया भर के देशों में गंभीर मुद्रास्फीति पैदा की है. जिससे केंद्रीय बैंकों को समस्या का समाधान करने के लिए उपाय करना पड़ा है.

बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजारों में गिरावट को रोकने के लिए आक्रामक उपाय कर रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से डॉलर बेच रहा है और इस तरह विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है.

आईएफए ग्लोबल के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक गोयनका ने बताया कि, "आरबीआई रुपये की गिरावट को रोकने के लिए विदेश मुद्रा भंडार का इस्तेमाल कर रहा है."

विदेशी मुद्रा भंडार चार घटकों से बना होता है:

  1. विदेशी मुद्रा संपत्ति

  2. सोना

  3. स्पेशल ड्राइंग राइट्स

  4. आईएमएफ में आरक्षित स्थिति

29 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में चारों घटकों में गिरावट दर्ज की गई थी.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई नहीं चाहता कि विदेशी मुद्रा भंडार 600 बिलियन अमरीकी डालर से नीचे गिरे. ऐसे में आरबीआई आने वाले हफ्तों में डॉलर की बिक्री पर अपनी नीति बदल सकता है.

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