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वर्ल्ड बैंक ने गुरुवार को 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की रैंकिंग जारी कर दी है. वर्ल्ड बैंक की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में 14 रैंकिंग की सुधार के साथ भारत अब 63वें नंबर पर पहुंच गया है. पिछले साल भारत इस रैंकिंग लिस्ट में 77 नंबर पर था.
ये रैंकिंग ऐसे समय पर आई है, जब भारतीय रिजर्व बैंक, वर्ल्ड बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे तमाम संस्थानों ने देश की अर्थव्यवस्था को धीमा बताया था. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार हुआ है. इनमें ये देश शामिल हैं.
साल 2014 में जब पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी, तब भारत की रैंकिंग 190 देशों में 142वें स्थान पर थी. 4 साल बाद साल 2018 में वर्ल्ड बैंक की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में भारत 100वें स्थान पर पहुंच गया.
बता दें कि साल 2017 में भारत 130वें स्थान पर था. तब भारत रैंकिंग के मामले में ईरान और युगांडा से भी पीछे था.
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने, निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने और देश की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है. 2015 में सरकार का लक्ष्य 2020 तक 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में टॉप 50 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना था.
अगर 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में सुधार होता है, तो वर्ल्ड की लीडिंग रेंटिंग एजेंसियां भारत को बेहतर रेटिंग दे सकती हैं और भारत में एफडीआई में भी बढ़ोतरी हो सकती है.
'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की रिपोर्ट वर्ल्ड बैंक जारी करता है. इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से 10 मानदंड होते हैं, जिसके आधार पर ये तय किया जाता है कि कौन सा देश सुगमता के लिहाज से पहले स्थान या निचले स्थान पर होगा.
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