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आर्थिक तबाही से बचने के लिए चाहिए साहस-समझ, अभी दोनों नहीं: स्वामी

सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया क्यों भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी का सपना छोड़ देना चाहिए

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सुब्रमण्यम स्वामी ने गिरती अर्थव्यवस्था पर ट्वीट करते हुए चिंता जताई है. लेकिन उनकी चिंता में सरकार पर व्यंग्य किया गया है.स्वामी ने ट्विटर पर लिखा, ‘अगर नई आर्थिक नीति नहीं बनाई गई तो हमें 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी का टार्गेट छोड़ देना चाहिए. केवल फैसले लेने का साहस या सिर्फ आर्थिक ज्ञान गिरती अर्थव्यवस्था को नहीं बचा सकता. इसके लिए दोनों की जरूरत होती है. लेकिन आज हमारे पास दोनों नहीं है.’

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अर्थव्यवस्था को लगा है जोरदार झटका

धीमी होती अर्थव्यवस्था को 2019 की पहली तिमाही में जोरदार झटका लगा है. ग्रोथ रेट इस तिमाही में घटकर 5 फीसदी के नीचे पहुंच चुकी है. निवेश और मांग में कमी के चलते ऐसा हुआ है. बता दें पिछली साल इस तिमाही में ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी थी.

बता दें यह पिछले साढ़े छह साल की सबसे कम ग्रोथ रेट है. अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में उत्पादन में भारी कमी दर्ज की गई है. गाड़ियों की बिक्री में कमी, घरेलू उड़ानों में यात्रियों की संख्या में गिरावट, रेल ढुलाई और आयात में कमी साफ तौर पर खपत की कमी दिखा रही है.

कम महंगाई भी इकनॉमी के स्लोडाउन की वजह है. देश में ऑटो सेक्टर बुरे दौर से जुर रहा है. जुलाई में ऑटो सेक्टर की बिक्री में 31 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई.

इस साल आर्थिक सर्वे में मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. आरबीआई ने अगस्त में जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 7 फीसदी से घटा कर 6.9 फीसदी कर दिया था. जून की मॉनेटरी पॉलिसी में रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने ग्रोथ रेट का अनुमान 7.2 फीसदी से घटा कर 7 फीसदी कर दिया था.

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