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चीन (China) के दिग्गज कारोबारी जैक मा (Jack Ma) के हाथ से एंट ग्रुप (Ant Group) की कमान निकल गई है. एंट ग्रुप के संस्थापक जैक मा कंपनी का नियंत्रण छोड़ने जा रहे हैं. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनके वोटिंग राइट्स भी बहुत कम कर दिए गए हैं. कभी एंट ग्रुप में उनके पास 50 फीसदी से ज्यादा वोटिंग राइट्स थे जो अब 6.2 फीसदी रह गए हैं. वहीं एंट ग्रुप में अब उनकी हिस्सेदारी महज 10 फीसदी रह गई है.
जैक मा को चीनी सरकार की आलोचना करना महंगा पड़ा है. एंट ग्रुप से जैक मा का नियंत्रण खत्म होने को नियामकीय कार्रवाई से जोड़ कर देखा जा रहा है. बता दें कि 2020 में एंट ग्रुप 37 अरब डॉलर का IPO लाने की तैयारी में था, जिसे अंतिम समय में रद्द कर दिया गया था. उसके बाद दिग्गज कंपनी का जबरन पुनर्गठन कर दिया. उसी समय से अटकलें लग रही थीं कि चीनी अरबपति जैक मा अब अपना नियंत्रण छोड़ देंगे.
इस पूरी कहानी की शुरुआत अक्टूबर 2020 में हुई थी, जब जैक मा ने Ant Group की लिस्टिंग को लेकर रेगुलेटर्स और राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों की आलोचना की थी. उन्होंने सरकारी बैंकों की तुलना सूदखोरों से की थी. इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विनियमन समझौते (Basel Accords) पर भी सवाल खड़े किए थे.
जैक मा की ये आलोचना चीनी सरकार को नागवार गुजरी थी. नवंबर 2020 में, मा के एंट ग्रुप के 37 बिलियन डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा सीधा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निर्देश पर किया गया था.
इसके बाद जैक मा सुर्खियों से गायब हो गए थे. उनको लेकर काफी अफवाहें भी सामने आई. ओरिएंट कैपिटल रिसर्च के प्रबंध निदेशक आंद्रे कोलियर ने कहा कि,
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एंट ग्रुप विनियामक-संचालित पुनर्गठन को पूरा करने के करीब है. हालांकि, चीनी सरकार कंपनी पर 1 बिलियन डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाने की तैयारी में भी है. अपेक्षित जुर्माना पिछले दो साल में देश की दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी पर बीजिंग की व्यापक और अभूतपूर्व कार्रवाई का हिस्सा है.
इससे पहले चीनी सरकार ने अलीबाबा पर 2.75 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि नियंत्रण छोड़ने से कंपनी के लिए अपने IPO को पुनर्जीवित करने का रास्ता साफ हो सकता है. हालांकि, समूह द्वारा शनिवार को घोषित किए गए परिवर्तनों के परिणामस्वरूप लिस्टिंग नियमों के कारण और देरी होने की संभावना है.
चीन के घरेलू ए-शेयर बाजार में लिस्टिंग के लिए कंपनियोंं को नियंत्रण में बदलाव के बाद तीन साल तक इंतजार करना पड़ता है. शंघाई के स्टार बाजार में दो साल और हांगकांग में एक साल इंतजार करना पड़ता है.
जैक मा की कहानी 'रंक से राजा' बनने जैसी है. मा ने अपने करियर की शुरुआत एक अंग्रेजी शिक्षक के रूप में की थी. लेकिन अपने हौसले के दम पर वो एशिया के सबसे अमीर आदमी बने.
1990 में अमेरिका दौरे पर किसी ने उन्हें इंटरनेट के बारे में बताया. मा इंटरनेट को देखकर काफी प्रभावित हुए. 1999 में अपना खुद का बिजनेस शुरू करने से पहले मा ने इंटरनेट से संबंधित कई प्रोजेक्ट्स में अपना हाथ आजमाया.
इसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों से 60,000 डॉलर की राशि जुटाई और ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म अलीबाबा की शुरुआत की. जिस समय उन्होंने कंपनी की शुरुआत की, तब चीन में महज 1 फीसदी लोगों तक ही इंटरनेट की पहुंच थी.
देखते-देखते अलीबाबा चल पड़ी. कंपनी ने करोड़ों चीनी लोगों की खरीदारी की आदतों को बदल दिया और मा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली. CNN से मा ने एक बार कहा था,
2014 में अलीबाबा की प्राथमिक लिस्टिंग ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) पर 25 बिलियन डॉलर जुटाए, जो अब तक का एक रिकॉर्ड IPO है. वहीं 2019 में हांगकांग में सेकेंडरी लिस्टिंग में 11.2 बिलियन डॉलर रुपए जुटाए.
जैक मा मार्च 2020 में मुकेश अंबानी को पछाड़कर एशिया के सबसे अमीर आदमी बने थे, लेकिन चीनी सरकार के विवाद के बाद से पिछले कुछ सालों में उनके नेटवर्थ में काफी गिरावट देखने को मिली है. Forbes की रिपोर्ट के मुताबिक, जैक मा का वर्तमान नेटवर्थ 24.9 बिलियन डॉलर रह गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जैक मा को इस हफ्ते बैंकॉक में स्पॉट किया गया है. वहीं इससे पहले खबर आई थी कि वह करीब 6 महीने से सेंट्रल टोक्यो में रह रहे थे. हालांकि, अभी वो कहां है इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. चीनी सरकार के एक्शन के बाद से जैक मा चीन और मीडिया की नजर से गायब हैं.
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