दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में शुमार अलीबाबा के को-फाउंडर जैक मा करीब छह महीने से जापान के टोक्यो में रह रहे हैं. चीन के सबसे अमीर लोगों में शुमार जैक मा चीनी सरकार की आलोचना करने के बाद सुर्खियों से गायब हो गए थे.
टोक्यो के सेंट्रल जिलों, Ginza और Marunouchi में, मा कुछ प्राइवेट मेंबर्स क्लब से भी जुड़े हैं. खबर के मुताबिक, मा अपने पर्सनल शेफ और सिक्योरिटी स्टाफ को भी साथ लेकर गए हैं. इतना ही नहीं, वो टोक्यो में मॉर्डन आर्ट कलेक्टर बन गए हैं.
NDTV पर छपी फाइनेंशियल टाइम्स की खबर के मुताबिक, जैक मा, टोक्यो की SoftBank ग्रुप कॉर्प के Masayoshi Son के करीबी हैं. SoftBank अलीबाबा में इंवेस्टर भी थे.
चीनी सरकार की आलोचना
जैक मा ने अक्टूबर 2020 में शंघाई में दिए एक भाषण में देश के फाइनेंशियल रेगुलेटर्स और राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों की आलोचना की थी. मा ने सिस्टम में सुधारों की मांग की थी और ग्लोबल बैंकिंग रेगुलेशन को ‘बूढ़े लोगों का क्लब’ बताया था.
जैक मा की ये आलोचना चीनी सरकार को नागवार गुजरी थी. नवंबर 2020 में, मा के एंट ग्रुप के 37 बिलियन डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा सीधा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निर्देश पर किया गया था.
इसके बाद करीब तीन महीने तक जैक मा खबरों से गायब रहे थे.
जैक मा साल 2019 में अलीबाबा के चेयरमैन के पद से हट गए थे. हालांकि, वो अभी भी जैक मा फाउंडेशन के बोर्ड में शामिल हैं.
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