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हवाई यात्रा करने वालों के लिए खुशखबरी है. अब जल्द ही फ्लाइट टिकट कैंसल, देरी होने और रिफंड से जुड़ी कई दिक्कतों से निजात मिल सकती है. सभी एयरलाइंस की भी जवाबदेही तय होगी जिससे वो यात्रियों पर मनमाने नियम न लाद सकें.
अगर यात्री को फ्लाइट रद्द होने की जानकारी उड़ान के दिन से दो हफ्ते से कम या 24 घंटे के भीतर दी जाती है. तो एयरलाइंस की तरफ से उस फ्लाइट के तय समय से दो घंटे के भीतर किसी दूसरे फ्लाइट में टिकट मुहैया कराई जाएगी. या फिर यात्री को टिकट के पैसे वापस मिलेंगे.
अगर एयरलाइंस कंपनी की तरफ से फ्लाइट देरी होने के बारे में 24 घंटे पहले यात्री को सूचित किया जाता है. और फ्लाइट 4 घंटों से अधिक देर हो जाती है तो एयरलाइंस की तरफ से टिकट के पूरे पैसे वापस करने का विकल्प देना होगा.
सरकार अपनी बायोमैट्रिक बेस्ड ‘डिजी - यात्रा ' पहल के तहत यात्रियों का एक खास आईडी उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम कर रही है. इसके लिए यात्रियों को सरकार के एयरसेवा - दो पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाते हुए कागजरहित सेवाओं के लिए ‘डिजी - यात्रा ' आईडी के लिए आवेदन करना होगा
कनेक्टिंग फ्लाइट मिस होने पर भी कंपनियों को हर्जाना देगा होगा. अगर तीन-चार घंटे देरी की वजह से कनेक्टिंग फ्लाइट मिस हो जाए तो उस स्थिति में 5000 रुपये, जबकि 4 से 12 घंटे लेट होने पर 10 हजार रुपये और 12 घंटे से अधिक लेट होने की वजह से कनेक्टिंग फ्लाइट मिस होने पर 20 हजार रुपये का हर्जाना एयरलाइंस कंपनी की तरफ से यात्रियों को देना होगा.
अगर फ्लाइट बुकिंग के 24 घंटे के भीतर यात्री टिकट कैंसल कर देते हैं तो उन्हें इसके लिए कोई कैंसलेशन चार्ज नहीं देना होगा. इसके अलावा यात्रा समय से 96 घंटे पहले तक टिकट कैंसल करने पर भी कोई चार्ज नहीं देना होगा.
प्लेन के उड़ान भरने और फ्लाइट मोड पर निजी मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को रखने पर कंपनी की तरफ से इंटरनेट सुविधा मुहैया कराई जाए. 3000 मीटर की ऊंचाई पर मोबाइल इस्तेमाल करने की सुविधा दी जाए.
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