दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो की चिट्ठी पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. आर्कबिशप ने सभी चर्चों के पादरियों को चिट्ठी लिखकर प्रार्थना करने की अपील की थी. इस चिट्ठी में लिखा था कि कि देश में धर्मनिरपेक्षता खतरे में हैं और राजनीतिक हालात अशांत. आर्कबिशप ने अगले साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए पादरियों से प्रार्थना करने की अपील की है.
वहीं आर्कबिशन की चिट्ठी पर बीजेपी ने ऐतराज जताया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा है कि हर एक्शन का रिएक्शन होता है, मैं कोई ऐसा कदम नहीं उठाउंगा जिससे देश का माहौल खराब हो, लेकिन अगर चर्च मोदी की सरकार ना बने इसके लिए प्रार्थना करेंगे, तो देश के दूसरे धर्म के लोग कीर्तन पूजा करेंगे.
आर्कबिशप ने लिखा है, ‘मौजूदा अशांत राजनीतिक मौहाल संविधान में निहित हमारे लोकतांत्रित सिद्धांतों और देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के लिए खतरा बन गया है.’
आर्किबिशप की इस चिट्ठी पर अब राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी ने आर्कबिशप की चिट्ठी पर कड़ी आपत्ति जताई है.
‘समावेशी विकास के लिए काम कर रही है सरकार’
मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी बिना किसी भेदभाव के समावेशी विकास के लिए काम कर रहे हैं. नकवी ने कहा कि हम उनसे (बिशप से) केवल प्रगतिशील मानसिकता के साथ सोचने के लिए कह सकते हैं.
‘राजनीतिक नहीं है आर्कबिशप का लेटर’
दिल्ली में आर्कबिशप के सचिव फादर रॉबिनसन ने चिट्ठी को लेकर मचे बवाल पर सफाई दी है. रॉबिनसन ने कहा, ‘आर्कबिशप का लेटर राजनीतिक नहीं है, ना ये सरकार के खिलाफ है और ना ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ. यह महज प्रार्थना के लिए की गई अपील है, इस तरह के लेटर पहले भी लिखे जा चुके हैं.’
‘लेटर में कुछ भी विवादित नहीं है’
‘नई सरकार’ को लेकर शुरू हुए सियासी घमासान के बीच फादर बारैट ने कहा, ‘जब भी कोई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करती है तो नई सरकार के गठन के लिए चुनाव होता है. लेटर में ये नहीं कहा गया है कि दूसरी सरकार बनेगी, इसमें सिर्फ ये कहा गया है कि नई सरकार बनेगी. इसलिए मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ भी विवादित है.’
उन्होंने कहा कि हर चुनाव से पहले शांति और निष्पक्ष चुनावों के लिए प्रार्थना का आह्वान किया जाता है. ऐसा साल 2014 में और उससे पहले भी हुआ था. इस बार कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.
'देश में अशांत राजनीतिक माहौल' का उल्लेख करने पर आर्कबिशप ऑफिस ने साफ किया कि मौजूदा हालात निश्चित तौर पर चिंता का विषय है लेकिन यह बात किसी खास शासन या पार्टी के संदर्भ में नहीं कही गई है.
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