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जेट एयरवेज ने कंपनी की खस्ता हालत को लेकर मीडिया में आईं खबरों को खारिज किया है. कंपनी ने बयान जारी कर कहा है कि मीडिया में कंपनी को लेकर आई खबरें "गलत और दुर्भावनापूर्ण" हैं. कंपनी ने हिस्सेदारी की बिक्री से संबंधित किसी के साथ बातचीत से भी इंकार किया है.
इससे पहले खबर आई थी कि जेट एयरवेज की वित्तीय हालत इन दिनों काफी खराब चल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि अगर कॉस्ट कटिंग नहीं की गई तो, कंपनी के लिए 60 दिन के बाद ऑपरेट करना नामुमिकन होगा. लागत कम करने के उपायों में कर्मचारियों की सैलरी घटाने की बात भी कही गई थी.
हालांकि, जेट एयरवेज ने बयान जारी कर इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जेट के दो अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि है. उन्होंने बताया कि चेयरमैन नरेश गोयल सहित कंपनी की मैनेजमेंट टीम ने कमर्चारियों को बताया है कि एयरलाइन की वित्तीय हालत ठीक नहीं है. लागत कम करने के उपाय तुरंत करने होंगे.
कंपनी के एक बड़े अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, “हमें बताया गया है कि कंपनी को दो महीने के बाद चलाना मुमकीन नहीं है और मैनेजमेंट को सैलरी कटिंग और दूसरे उपायों से खर्चे घटाने की जरूरत है. अगर ऐसा किया गया तभी 60 दिनों के बाद इसका कामकाज जारी रखा जा सकेगा. हम इस बात से चिंतित हैं कि कंपनी ने इतने सालों के दौरान हमें कभी भी इसकी जानकारी नहीं दी.”
रिपोर्ट के मुताबिक, एयरलाइन एग्जिक्यूटिव्स ने कहा कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है. इसकी शुरुआत इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट के लोगों से हुई है. इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट में दिल्ली के लिए हेड ऑफ लाइन से छुट्टी पर जाने को कहा गया है. केबिन क्रू और ग्राउंड हैंडलिंग डिपार्टमेंट से छंटनी शुरू होगी.
जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल की अगुवाई में एयरलाइन की मैनेजमेंट टीम ने मुंबई में कर्मचारियों से मुलाकात कर उन्हें बताया कि सैलरी में कटौती दो साल के लिए होगी और इसे रिफंड नहीं किया जाएगा. वहीं मैनेजमेंट टीम ने दिल्ली में गुरुवार को कर्मचारियों से मुलाकात की.
एयरलाइन ने अपने फर्स्ट ऑफिसर्स के लिए सात साल या 1 करोड़ के बॉन्ड को भी खत्म कर दिया है. साथ ही कमांडर सहित पायलटों के लिए नौकरी छोड़ने से पहले सालभर के नोटिस की अनिवार्यता भी वापस ले ली है. 2016 और 2017 तक लगातार दो साल के मुनाफे के बाद वित्त वर्ष 2018 में जेट को 767 करोड़ का घाटा हुआ था.
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