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पूरी तरीके से सरकार की स्वामितव वाली इंशोरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी (LIC IPO का इंतजार निवेशक काफी दिनों से कर रहे हैं. इन्वेटर्स का ये इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है. कंपनी ने मार्केट रेगुलेटर के साथ ड्राफ्ट रेड हेररिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) 13 फरवरी को फाइल कर दिया. उम्मीद की जा रही है किसेबी इश्यू लाने के कंपनी को बहुत जल्द हरी झंडी दे देगी.
कुछ सोर्स से पता चलता है LIC का आईपीओ 10 मार्च को मार्केट में लॉन्च हो सकता है. LIC के शेयरों की लिस्टिंग मार्च के अंत तक हो जाने की उम्मीद है.
सरकार आईपीओ के माध्यम से LIC में अपनी 5% हिस्सेदारी बेचेगी. आईपीओ के बाद भी सरकार के पास कंपनी का 95% हिस्सा होगा. सरकार एलआईसी के आईपीओ में 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर्स बेचकर 65,416 करोड़ जुटा सकती है. यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा IPO होगा.
LIC की पहुंच देश के कोने-कोने तक है. ड्राफ्ट रेड हेररिंग प्रॉस्पेक्टस के हिसाब से देशभर में LIC के 29 करोड़ पॉलिसीहोल्डर हैं. LIC की एजेंट की संख्या करीब 13.5 लाख है. वित्त वर्ष 2021 में जारी किये गए इंडिविजुअल पॉलिसी के संदर्भ में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 74.6% है.
पॉलिसीहोल्डर की इतनी बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने कुल इश्यू का अधिकतम 10% हिस्सा अपने पॉलिसीहोल्डर के लिए रिजर्व किया है. 'पॉलिसीहोल्डर रिजर्वेशन पोर्शन' (Policyholder Reservation Portion) के तहत पॉलिसीहोल्डर्स के लिए इश्यू का 10% हिस्सा अलग रखा जाएगा. हालांकि अगर आप नॉन रेजिडेंशियल इंडियन (NRI) हैं तो आपको इस रिजर्वेशन पोर्शन का लाभ नहीं मिलेगा. NRI रिटेल हिस्से के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
पॉलिसीहोल्डर को आईपीओ में डिस्काउंट भी दिया जाएगा. हालांकि इश्यू में पॉलिसीहोल्डर को कितना डिस्काउंट मिलेगा, इसपर सरकार ने अभी तक कोई औपचरिक घोषणा नहीं की है. हालांकि कुछ सोर्स से पता चलता है पॉलिसीहोल्डर को आईपीओ में 10% का डिस्काउंट दिया जाएगा. इस वजह से कई नए निवेशक पहली बार शेयर बाजार से जुड़ेंगे.
LIC ने अपने एजेंट और कर्मचारी के लिए भी इश्यू का 5% हिस्सा आरीक्षित किया है. ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, एक एलिजिबल पॉलिसीधारक को शेयर आवंटन का कुल मूल्य (छूट के बाद) ₹2 लाख से अधिक नहीं हो सकता है.
सभी पॉलिसी जो मैच्योंरिटी, सरेंडर या पॉलिसीधारक की मृत्यु के माध्यम से एलआईसी के रिकॉर्ड से बाहर नहीं निकली हैं, 'पॉलिसीहोल्डर रिजर्वेशन पोर्शन' के लिए पात्र हैं.
LIC के आईपीओ में कोई लॉक-इन पीरियड नहीं लगाया जाएगा. मतलब अगर आपको शेयर अलॉट होता है तो आप अपने सुविधाअनुसार कभी भी शेयर को बेच सकते है.
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