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इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और इंजीनियरिंग कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज IL&FS के उबरने के आसार दिखने लगे हैं. शनिवार को कंपनी के सबसे बड़े शेयरहोल्डर्स एलआईसी, ओरिक्स और एसबीआई ने ऐलान किया कि वे इसके 4,500 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को सब्सक्राइव कर लेंगे. लगभग एक लाख करोड़ रुपये के कर्ज में दबी और लगातार डिफॉल्ट कर रही IL&FS की AGM के बाद एलआईसी, ओरिक्स और एसबीआई के फैसले का ऐलान किया गया.
IL&FS में एलआईसी सबसे बड़ी शेयर होल्डर है. इसकी हिस्सेदारी 25 फीसदी से ज्यादा है. जबकि जापान की कंपनी ओरिक्स कॉर्प. की शेयर होल्डिंग 23 फीसदी से ज्यादा है. एसबीआई की हिस्सेदारी 7 फीसदी से आसपास है. तीनों IL&FS के राइट्स इश्यू खरीदने के लिए तैयार हैं. IL&FS कर्मचारी ट्रस्ट की हिस्सेदारी 12 फीसदी है. आबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, एचडीएफसी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी क्रमश: 12.56. 9.02 और 7.67 फीसदी है.
हालांकि आरबीआई ने शुक्रवार को एलआईसी और ओरिक्स दोनों से कहा था कि वह IL&FS में और पैसा न डालें. वैसे आरबीआई ने इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी के बड़े शेयरहोल्डरों से मीटिंग की थी ताकि इसे दोबारा पटरी पर लाया जा सके और इसमें निवेश हो.
देश की दिग्गज इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग और इंजीनियरिंग कंपनी IL&FS कर्ज के गहरे दलदल में फंस गई है. पिछले सप्ताह इसने के एक के बाद कई लोन डिफॉल्ट करने शुरू किए. समूह के बड़ी फाइनेंस कंपनियों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में बहुत ज्यादा एक्सपोजर होने की वजह से फाइनेंसिंग मार्केट में अफरातफरी फैल गई और शेयर बाजार भी धराशायी हो गया है. कहा तो यह भी जा रहा है कि अगर ILF&S दिवालिया हुआ तो यह लीमैन ब्रदर्स के ध्वस्त होने जैसा बड़ा संकट साबित हो सकता है.
वीडियो देखें : ब्रेकिंग VIEWS: लुढ़कते शेयर बाजार और IL&FS संकट की इनसाइड स्टोरी
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