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बैंक से लोन (Loan) लेना पहले के मुकाबले आसान हो गया है, हर रोज किसी न किसी बैंक से लोन के लिए एक फोन तो आ ही जाता है. अब लोन तो मिल जाता है लेकिन कभी किसी वजह से आप लोन ना चुका (Loan Default) पा रहे हो तो फिर बैंक वाले जिन रिकवरी एजेंट (Recovery Agent) को भेजते हैं वो आपको परेशान करना शुरू कर देते हैं. दिन-रात कॉल पर धमकी देना, गाली-गलौज करना, बदसलूकी करना.
यहां हम आपको दो चीजें बताएंगे, एक, कि अगर आप लोन न चुका पाए और कोई रिकवरी एजेंट आपको परेशान कर रहा है तो आप क्या कर सकते हैं और क्या नियम हैं? दूसरा, अगर आप लोन चुकाने में असमर्थ हैं तो क्या आपके पास कोई विकल्प है.
हाल ही में पटना हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर कहा कि कोई भी बैंक रिकवरी एजेंट या गुंडो के जरिए लोन डिफॉल्टर की गाड़ी जब्त नहीं कर सकता. अगर लोन पर किसी ने गाड़ी ली हो और वह लोन चुकाने में असमर्थ हो तो ऐसे गुंडो से गाड़ी की जब्ती नहीं हो सकती, बैंकों को इसके लिए जो कानून है वो फॉलो करना पड़ेगा.
रिकवरी एजेंट्स के लिए भी RBI ने गाइडलाइन जारी की हुई है, जिसका पालन बैंक्स को करना होता है.
रिकवरी एजेंट देनदार को धमकी नहीं दे सकता
हाथापाई, गाली-गलौज नहीं कर सकता
दोस्तों, रिश्तेदारों या सार्वजनिक रूप से देनदार का अपमान नहीं कर सकता
यहां तक की बैंक और रिकवरी एजेंट मनचाहे समय पर देनदार को कॉल, मैसेज, ईमेल या उनके घर नहीं पहुंच सकता. इसके लिए RBI ने सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक का समय तय किया है.
रिकवरी एजेंट अगर गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो इसके लिए बैंक भी जिम्मेदार माने जाएंगे.
आप कहेंगे कि इन गाइडलाइनंस को कौन मानता है तो अगर आपको कोई रिकवरी एजेंट परेशान कर रहा है तो अपने नजदीकी थाने में इनकी शिकायत दर्ज करें, कार्रवाई जरूर होगी. अगर आप इन रिकवरी एजेंट की करतूतों का कोई वीडियो, फोटो, कॉल रिकॉर्ड जमा कर सकते हैं तो ज्यादा फायदा होगा.
अब जानते हैं कि अगर आप लोन चुकाने में असमर्थ हो रहे हैं तब क्या कर सकते हैं. अगर आप कोई भी ईएमआई मिस करते हैं तो बैंक आपको कॉल, मैसेज या नोटिस के जरिए याद दिलाता है, दूसरी EMI मिस करने पर भी यही होता है, लेकिन EMI फिर मिस होती है तब से बैंक कार्रवाई करना शुरू कर देता है.
बैंक आपसे इसके लिए EMI बाउंस होने के चार्जेज भी वसूलती है और आपके ब्याज पर और ब्याज वसूलती है. फिर आपका केस किसी रिकवरी एजेंट को ट्रांस्फर कर देती है.
अगर आप लोन नहीं चुका पाते तो बैंक आप पर सिविल केस कर सकती है, ऐसे मामलों में क्रिमिनल केस नहीं होता.
अगर आप किसी भी वजह से EMI नहीं चुका पा रहे तो सबसे पहले बिना डरे या कोई और कदम उठाए आप बैंक के पास जाएं और उन्हें अपनी समस्या बताए. बैंक का इंटेंशन आपको लोन देकर परेशान करना नहीं है, बैंक कमाने के लिए बैठा. वो चाहता है बस पैसा डूबने की जगह किसी तरह वापस आ जाए. हो सकता है बैंक ही आपको कोई रास्ता बता दे.
फिर आप बैंक से मॉरटोरियम के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं, यानी अगर आप बाद में पैसे की व्यवस्था कर सकते हैं, क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि मेडिकल या अन्य इमरजेंसी में आप कुछ समय के लिए EMI चुकाने में असर्मथ हो जाते हैं, तो बैंक से रिक्वेस्ट करें कि कुछ समय के लिए EMI पर रोक लगा दे, हालांकि ये पूरी तरह बैंक पर निर्भर करता है कि वो आपकी बात मानती है या नहीं.
इसके अलावा आप बैंक से रिक्वेस्ट कर लोन का टेन्यॉर बढ़ा कर अपनी EMI घटा सकते हैं.
अगर लोन देने वाली बैंक काफी सख्त है तो आप किसी अन्य बैंक में अपना लोन ट्रांसफर करवा सकते हैं, अगर ऐसा हो जाता है तो दूसरी बैंक आपको कुछ रियायते दे सकती है.
अगर आप एक से ज्यादा लोन की EMI देने में सक्षम नहीं है तो उन दोनों या तीनों लोन को एक में क्लब कर सकते हैं, उससे भी आपको थोड़ा फायदा मिल सकता है.
इसके अलावा आप लोन सेटलमेंट भी करवा सकते हैं, इसका मतलब कि अगर आपका लोन दो लाख रुपये का है और इस वक्त आपके पास 50-60 हजार रुपये हैं तो वो रकम दे कर आप अपना लोन सेटल करवा सकते हैं, लेकिन इसका नुकसान ये है कि फिर आपको कभी कोई बैंक लोन नहीं देगा.
बाकी और भी नुकसान है जैसे सीबील स्कोर खराब होगा, आपके लोन ग्यारंटर पर प्रभाव पड़ेगा. हमने लोन ग्यारंटर को लेकर एक वीडियो डिटेल में बनाया है जिसका लिंक डिस्क्रिप्शन में मिलेगा, आप देख सकते हैं.
ध्यान रहे लोन रिकवरी एजेंट कई हथकंड अपनाते हैं, उनके पास आपसे बात करने के अलावा और कोई अधिकार नहीं है, इसलिए उनकी बातों में ना फंसे.
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