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40 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी, मनपसंद बेवरेजेज के CMD, CFO गिरफ्तार

कंपनी मैंगोसिप, फ्रूट्स अप, मनपसंद ORS और OXY सिप जैसे ब्रांड्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है.

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कंपनी मैंगोसिप, फ्रूट्स अप, मनपसंद ORS और OXYसिप जैसे ब्रांड्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है.
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कंपनी मैंगोसिप, फ्रूट्स अप, मनपसंद ORS और OXYसिप जैसे ब्रांड्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है.
(फोटो - ट्विटर)

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फ्रूट ड्रिंक बनाने वाली गुजरात के वडोदरा की कंपनी मनपसंद बेवरेजेज लिमिटेड की ओर से बड़े पैमाने पर धांधली और टैक्स चोरी का मामला सामने आया है. GST विभाग ने फर्जी कंपनियां बनाने और टैक्स चोरी करने के आरोप में कंपनी के तीन बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार किया है.

सेंट्रल जीएसटी और कस्टम्स की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, मनपसंद बेवरेजेज के सीएमडी अभिषेक सिंह, उनके भाई हर्षवर्धन सिंह और कंपनी के सीएफओ परेश ठक्कर को गिरफ्तार किया गया है.

300 करोड़ का टर्नओवर, 40 करोड़ की टैक्स चोरी


ब्लूमबर्ग क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इस मामले में बीते गुरुवार को मनपसंद बेवरेजेज के कई ठिकानों पर छापेमारी अभियान चलाया गया. रिलीज में कहा गया, '‘छापे में धोखाधड़ी से क्रेडिट लेने के लिए कई फर्जी/डमी यूनिट तैयार करने का एक बड़ा रैकेट सामने आया. इसमें 300 करोड़ रुपए के टर्नओवर से जुड़ी 40 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ.’'

मनपसंद बेवरेजेज एक लिस्टेड फर्म है, जिसका मार्केट कैपिटल 1,200 करोड़ रुपये है. कंपनी मैंगोसिप, फ्रूट्स अप, मनपसंद ORS और OXY सिप जैसे ब्रांड की मैन्युफैक्चरिंग करती है. छोटे शहरों और कस्बों में इन प्रोडक्ट की अच्छी पकड़ है.
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टैक्स चोरी के लिए बनाई 30 फर्जी यूनिट

प्रेस रिलीज में कहा गया है, '‘जांच में देश के अलग-अलग कई हिस्सों में कंपनी की 30 से ज्यादा फर्जी यूनिट का भी खुलासा हुआ, जिन्हें अवैध तरीके से क्रेडिट लेने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए दूसरी शेल कंपनियों के बारे में पता लगाया जा रहा है.''

फाइनेंशियल रिजल्ट घोषित करने में कंपनी ने की थी देरी

कंपनी के शेयर में पिछले बारह महीनों में अपने मार्केट वैल्यू का लगभग 75 फीसदी नुकसान हुआ है. पिछले साल मई में कंपनी की ऑडिटर फर्म डेलॉयट हैस्किंस एंड सेल्स ने इस्तीफा दे दिया था. फर्म ने बताया था कि कंपनी ने उसे 'अहम जानकारी' मुहैया नहीं कराई, जिसकी मांग की गई थी. इस वजह से कंपनी फाइनेंशियल रिजल्ट समय पर घोषित करने में नाकामी रही थी.

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