advertisement
लगातार घाटे से परेशान जेट एयरवेज को संकट से उबारने के लिए खुद मोदी सरकार ने पहल की है. खबर है कि सरकार ने जेट की मुश्किलें खत्म करने के लिए टाटा सन्स की मदद मांगी है. सरकार ने टाटा सन्स से कहा है कि वह जेट एयरवेज के शेयर खरीदने की संभावना तलाशे.
इस मामले के जानकारों का कहना कि जेट को संकट से निकालने की योजना के तहत टाटा सन्स सरकार से यह कहेगी कि वह इस एयरलाइंस पर सार्वजनिक बैंकों के कर्ज में कमी कर दे. ताकि टाटा सन्स अगर यह कर्ज चुकाता है तो उस पर कम बोझ पड़े. इसके साथ ही जेट पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बकाये में भी छूट दिलवाने की कोशिश हो रही है. मामले की जानकारी रखने एक शख्स ने जेट को खरीदने की टाटा सन्स की कोशिश के बारे में ये जानकारी दी है. उसके मुताबिक शुक्रवार को टाटा सन्स के बोर्ड पर इस मुद्दे पर चर्चा होगी.
इस बीच, टाटा सन्स की ओर जेट एयरवेज को खरीदे जाने की संकेत के बाद एयरलाइंस के शेयरों की कीमतों में 24 फीसदी का इजाफा हो चुका है. गुरुवार को इसके शेयरों में सर्वाधिक एक दिनी उछाल आया और इसकी कीमत 320 रुपये से ऊपर पहुंच गई.
जेट एयरवेज में टाटा सन्स की निवेश से जहां जेट को नई जिंदगी मिलेगी वहीं टाटा सन्स बजट एयरवलाइंस इंडिगो का वर्चस्व तोड़ सकेगा. एटीएफ के दाम में इजाफा और भारतीय एविएशन सेक्टर में जबरदस्त कंपीटिशन की वजह से जेट भारी वित्तीय संकट में है. पिछले कुछ महीनों से उसके स्टाफ को देरी से वेतन मिल रहा है.
जेट एयरवेज पिछले 11 साल में से नौ में घाटे रही है. वित्तीय संकट से उबरने के लिए वह पैसा जुटाने में लगी है. पिछले दिनों खबरें आई थीं कि जेट एयरवेज के सीईओ नरेश गोयल रिलायंस इंडस्ट्रीज चीफ मुकेश अंबानी से मिले थे. इससे पहले टाटा की ओर से इसके शेयर खरीदने की कोशिश की खबरें आई थीं.
पिछले महीने पेमेंट डिफॉल्ट की वजह से उसे विमान लीजिंग कंपनियों की ओर से नोटिस मिल चुके हैं. पिछले कुछ महीनों के दौरान इसने अपने कर्मचारियों को वेतन देने में देरी की है. जेट एयरवेज में नरेश गोयल की हिस्सेदारी 51 फीसदी है. 2013 में उन्होंने जेट एयरवेज में अपनी 24 फीसदी हिस्सेदारी इतिहाद एयरवेज को बेच दी थी. यह हिस्सेदारी सरकार की ओर से घरेलू एयरलाइंस में विदशी एयरलाइंस की हिस्सेदारी बढ़ा कर 49 फीसदी करने के बाद बेची गई थी.
इनपुट : ब्लूमबर्गक्विंट
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)