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जेट एयरवेज को संभालिए नरेश गोयल, माल्या की किंगफिशर से सबक लीजिए

जेट एयरवेज पर इस वक्त 9430 करोड़ रुपए का कर्ज है. जो उसके मुनाफे का 55 गुना है. पिछले साल ये फर्क सिर्फ 5 गुना था.

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नरेश गोयल को इन दिनों विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस के सपने आ रहे होंगे. क्योंकि उनकी एयरलाइंस जेट एयरवेज का हाल किंगफिशर एयरलाइंस के खस्ताहाल दिनों की याद दिला रहा है.

जेट एयरवेज की हालत इतनी खराब है कि 2017-18  में कंपनी कर्मचारियों के काटा गया टीडीएस और पीएफ, यात्रियों से वसूला गया जीएसटी पैसा भी जमा नहीं कर पाई, ये कोई बड़ी रकम नहीं सिर्फ 510 करोड़ रुपए की मामूली रकम थी.
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फ्लैशबैक किंगफिशर एयरलाइंस

विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस के साथ भी 2010 में ऐसा कुछ हुआ था. एयरलाइंस ने सर्विस टैक्स चुकाने में डिफॉल्ट किया. कर्मचारियों का टीडीएस जमा नहीं किया. एविएशन फ्यूल की उधारी बढ़ गई तो कंपनियों ने एटीएफ देना बंद कर दिया. नतीजा 2012 आते आते किंगफिशर पूरी तरह जमीन पर खड़ी हो गई

विजय माल्या से नरेश गोयल तक

खैर बात करते हैं नरेश गोयल की. वो संकट से निकलने की जितनी कोशिश कर रहे हैं उतने ही नई मुसीबतें सामने आ रही हैं. अचानक ऐसा क्या हुआ?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक जेट एयरवेज को हर तरफ से थपेड़े लग रहे हैं. पहले इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी सस्ती एयरलाइंस के कंपिटीशन की वजह से टिकट सस्ते करने पड़े और उस पर महंगे एटीएफ ने बाकी कसर पूरी कर दी.

कर्ज ने तोड़ी कमर

जेट एयरवेज पर इस वक्त 9430 करोड़ रुपए का कर्ज है. जो उसके मुनाफे का 55 गुना ज्यादा है. पिछले साल ये फर्क सिर्फ 5 गुना था.

शेयर का भाव बताता है जेट का खस्ताहाल

  • इस साल जेट एयरवेज का शेयर 66 परसेंट गिर चुका है. 16 अगस्त 2017 को 600 रुपए का शेयर 14 अगस्त 2018 को 283 रुपए का रह गया . हालत ये है कि कंपनी 2018-19 की पहली तिमाही के नतीजे तक नहीं दे पाई क्योंकि ऑडिट रिपोर्ट ही तैयार नहीं हो पाई.
  • जेट के चेयरमैन नरेश गोयल ने कंपनी की एजीएम में कहा भी है कि शेयरों में भारी गिरावट के लिए खुद को दोषी मानते हैं.
  • ब्रोकरेज हाउस HSBC ने तो अनुमान जताया है कि जेट एयरवेज का शेयर भाव 150 रुपए तक गिर सकता है. अभी ये 280 रुपए है.
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ब्याज देने को पैसे नहीं

हालत ये है कि जेट एयरवेज के पास ब्याज की व्यवस्था करने में भी दिक्कत हो रही है. जानकारों को डर है कि कंपनी के खाते खाली हैं इसलिए अपनी देनदारी चुकाने में डिफॉल्ट भी कर सकती है.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में एविएशन सेक्टर के एक्सपर्ट कपिल कौल के मुताबिक जेट एयरवेज को फौरन ही 3500 करोड़ रुपए की जरूरत है. इसके अलावा 2800 करोड़ रुपए के कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग भी करवानी होगी.

जेट एयरवेज को मार्च 2019 तक 3120 करोड़ रुपयों का लोन चुकाना है.

आमदनी अठन्नी, खर्चा सवा रुपैया

  • ज्यादा पुरानी बात नहीं है. जून में जेट ने 75 नए बोइंग 737 विमान खरीदने का ऐलान किया था. इसके अलावा 10 नए बोइंग 787 ड्रीम लाइनर भी बेड़े में शामिल करने वाली थी लेकिन अब तो एक्सपर्ट सुझाव दे रहे हैं कि लीज वाले विमान वापस कर दे.
  • जेट एयरवेज का खर्चा बहुत ज्यादा है. स्टेट बैंक कैपिटल के मुताबिक जेट का प्रति पैसेंजर किलोमीटर खर्च सबसे ज्यादा 3.17 रुपए है जबकि स्पाइसजेट 2.53 रुपए और इंडिगो सिर्फ 2.04 रुपए खर्च करता है.
  • जेट एयरवेज ने हालात सुधारने के लिए कर्मचारियों और पायलट की सैलरी में कटौती करने का भी मन बनाया था लेकिन भारी विरोध की वजह से इसे टाल दिया.
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इतने यात्री जाते हैं कहां

भरे हुए एयरपोर्ट देखकर लगता है कि भारत के सभी 125 करोड़ लोगों ने उड़ने का फैसला कर लिया है. देश में घरेलू एयर ट्रैफिक 17.6 परसेंट बढ़ गया है. एयरपोर्ट यात्रियों से भरे हुए हैं तो फिर एयरलाइंस घाटे में क्यों हैं कि 121 विमानों वाली जेट सैलरी का खर्च, ब्याज तक नहीं निकाल पा रही है.

बैंक कर्ज देने को तैयार नहीं

जेट एयरवेज को उड़ते रहने के लिए फौरन 3500 करोड़ रुपए की जरूरत है. लेकिन किंगफिशर से हाथ जला बैठे बैंक अब एयरलाइंस के धंधे में आसानी से पैसा देने को तैयार नहीं. स्टेट बैंक जो कि पहले ही उसे 2000 करोड़ रुपए का लोन दे चुका है. अब कह रहा है कि जेट पहले अपना रिवाइवल का प्लान बताए फिर देखेंगे.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक जेट के पास एयरलाइंस चलाने के लिए कैश बहुत कम बचा है.

जेट ने इमरजेंसी लोन के लिए बैंकों से गुहार लगाई है पर जवाब मिला कि पहले वो शेयर बेचकर पैसा जुटाए फिर नया कर्ज मिलेगा. बैंकों को ऑडिटर की अकाउंट की रिपोर्ट का इंतजार है. जेट एयरवेज को लोन देने वालों में स्टेट बैंक, एचएसबीसी बैंक और एक्सिस बैंक भी शामिल हैं.

रिसर्च एजेंसी ICRA के मुताबिक जेट पर 9430 करोड़ रुपयों का कर्ज है. और हाथ में सिर्फ 321 करोड़ रुपए है.

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DGCA फाइनेंशियल ऑडिट करेगा

एयर इंडिया और इंडिगो के फाइनेंशियल ऑडिट के बाद डायरेक्टरेट ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) जेट एयरवेज का भी ऑडिट करेगा. इसका मकसद ये देखना है कि जेट की वास्तविक आर्थिक स्थिति कैसी है?

जेट की दलील

जेट एयरवेज की दलील है कि महंगे एटीएफ की वजह से ऑस्ट्रेलिया की कैथे पेसिफिक और सिंगापुर एयरलाइंस भी दिक्कत में हैं.

  • जून तिमाही में सिंगापुर एयरलाइंस का मुनाफा 59 परसेंट गिर गया है.
  • कैथे पेसिफिक को भी अचानक पहली छमाही में नुकसान झेलना पड़ा.
  • जून तिमाही में देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो का मुनाफा भी 97 परसेंट गिर गया.
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जेट फंसी तो टिकट महंगे होंगे

मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की दूसरी एयरलाइंस जेट एयरवेज दिक्कत में फंसी तो टिकट की कीमत महंगे होने तय हैं.

लेकिन अपनी स्थिति ठीक करने के लिए जेट टिकट के दाम बढ़ा नहीं सकती क्योंकि कंपिटीशन की वजह से वो इस हालत में नहीं है.

जेट का मुश्किल से निकलना यात्रियों के लिहाज से भी जरूरी है. वरना टिकट महंगे होंगे, कंपिटीशन घटेगा और उभरता हुआ एविएशन सेक्टर दोबारा मुश्किल में फंस जाएगा.

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