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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही पिछले 5 दिनों से पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel Price Hike) के दामों में लगातार बढ़ोतरी जारी है. चुनाव के बाद महंगाई की मार की बात कोई नई नहीं है. इससे पहले भी चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं. चलिए अब आपको सिलसिलेवार ढंग से समझाते हैं कि कब-कब जनता पर महंगाई की मार पड़ी है.
चुनाव खत्म होने के बाद 22 मार्च को LPG सिलेंडर में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी. सिलेंडर की नई कीमत 949 रुपये 50 पैसे तक पहुंच गई. ठीक इसी दिन पेट्रोल और डीजल के दामों में भी इजाफा हुआ. दिल्ली में पेट्रोल-डीजल में 80 पैसे की बढ़ोतरी हुई थी.
पेट्रोल-डीजल और LPG की दामों बढ़ोतरी क्या विश्व बाजार पर निर्भर करती है, इसे समझने के लिए पिछले 3 विधानसभा चुनावों पर नजर डालते हैं.
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 10 फरवरी से 7 मार्च 2022 तक विधानसभा के चुनाव हुए. 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आए. इससे पहले जनवरी-फरवरी में कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों में कटौती की गई थी. लेकिन चुनाव नतीजे घोषित होने के कुछ दिनों बाद ही दाम बढ़ गए. मार्च में 19 किलो का कमर्शियल LPG सिलेंडर की 2012 रुपये हो गई है.
इससे पहले पिछले साल मार्च-अप्रैल में हुए पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु और पुडुचेरी के चुनाव से पहले और बाद के महीनों में LPG सिलेंडर की कीमतों में दिखा काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. चुनाव के बाद के दो महीनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में करीब 8 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी.
वहीं बिहार में 28 अक्टूबर से 7 नवंबर 2020 के बीच विधानसभा चुनाव हुए थे. नतीजे आने के बाद पेट्रोल-डीजल और LPG के दामों में बढ़ोतरी हुई थी. उस दौरान भी चुनाव से पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी. बाद में फिर दाम बढ़ गए थे.
इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश में जब-जब चुनाव रहे हैं पेट्रोल-डीजल और LPG के दाम स्थिर रहे हैं. लेकिन चुनाव के बाद दामों में बढ़ोतरी होती रही है.
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