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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को सऊदी अरब सहित दुनियाभर के निवेशकों को भारत में निवेश का न्योता दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत अर्थव्यवस्था की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए तेल और गैस क्षेत्र की ढांचागत सुविधाओं में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा. उन्होंने कहा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की योजना को लेकर आगे बढ़ रहा है.
सऊदी अरब के सालाना निवेश मंच से पीएम मोदी ने निवेशकों के सामने स्थिर, भरोसेमंद और पारदर्शी नीति व्यवस्था का वादा किया. स्विट्जरलैंड के विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की तर्ज पर सऊदी अरब में ‘फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम’ बैनर तले होने वाले इस वार्षिक सम्मेलन को ‘रेगिस्तान का दावोस’ भी कहा जा रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,‘‘भारत तेल और गैस ढांचागत क्षेत्र में भारी निवेश कर रहा है. रिफानरी, पाइपलाइन, गैस टर्मिनल समेत ऊर्जा क्षेत्र का बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए 2024 तक 100 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा. भारत को अपनी तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के लिए ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत है.’’
सऊदी अरब कच्चे तेल के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. भारत खरीदार-आपूर्तिकर्ता संबंधों को और आगे भागीदारी को रणनीतिक स्तर पर जाने को लेकर इच्छुक है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में गैर-तेल कंपनियों के लिये खुदरा ईंधन क्षेत्र खोले जाने के सरकार के फैसले को भी रेखांकित किया.उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की राष्ट्रीय तेल कंपनी अरामको ने महाराष्ट्र के पश्चिमी तट में प्रस्तावित 6 करोड़ टन सालाना क्षमता की रिफाइनरी में निवेश का फैसला किया है. यह एशिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘विकासशील देशों में भौतिक बुनियादी ढांचे की जरूरत है. एशिया में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 700 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है, भारत में यह क्षेत्र 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर से बढ़ेगा. हमने अगले कुछ साल में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 1500 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है.’’इसमें तेल एवं गैस के साथ सड़क, हवाईअड्डा और बंदरगाह जैसा बुनियादी ढांचा शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि भारत ने अगले पांच साल में अर्थव्यवस्था का आकार करीब दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए रूपरेखा तैयार है.
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक कंपनियों को पांच बड़ी चीजें प्रभावित कर रही हैं. ये नवप्रवर्तन, बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन, पर्यावरण के लिये पहल, तथा कारोबार अनुकूल राजकाज हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में भारत में प्रशिक्षित श्रमबल की जरूरत को पूरा करने के लिए 40 करोड़ लोगों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा.
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘भारत रिफाइनरी, पाइपलाइन, गैस टर्मिनल समेत ऊर्जा क्षेत्र का बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए 2024 तक 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा. भारत को अपनी तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के लिए ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत है.’’सब्सिडी का फायदा सीधे लाभार्थियों के खाते में डालने की योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए 20 अरब डॉलर की बचत की गई है.
बता दें कि पीएम मोदी 2 दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे थे. उनकी इस यात्रा के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच 29 अक्टूबर को एक दर्जन से ज्यादा समझौते हुए. ये समझौते जिन सेक्टर्स में हुए हैं, उनमें ऑयल और गैस, डिफेंस और सिविल एविएशन जैसे अहम सेक्टर भी शामिल हैं. पीएम मोदी ने इस यात्रा के दौरान सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुलाजीज और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ बैठक भी की.
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