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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और सऊदी अरब शुद्ध रूप से क्रेता-विक्रेता के संबंधों से आगे ज्यादा नजदीकी रणनीतिक भागीदारी की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संसाधन संपन्न सऊदी अरब भारत की तेल और गैस परियोजनाओं में निवेश करेगा.
पीएम मोदी ने ‘अरब न्यूज’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 18 फीसदी सऊदी अरब से आयात करता है.
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता जरूरी है. उन्होंने भारत की ऊर्जा जरूरत के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में सऊदी अरब की भूमिका की भी सराहना की.उन्होंने कहा, ‘‘सऊदी अरामको भारत के पश्चिमी तट पर एक बड़ी रिफाइनरी और पेट्रो रसायन परियोजना में भाग ले रही है. हम भारत के पेट्रोलियम के रणनीतिक आरक्षित भंडार में अरामको की भागीदारी का इंतजार कर रहे हैं.’’
सऊदी अरामको दुनिया की सबसे ज्यादा मुनाफे वाली कंपनी है, उसके पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का भंडार है. यह भंडार करीब 270 अरब बैरल का है.
बता दें कि पीएम मोदी सोमवार की रात को सऊदी अरब पहुंचे. वह यहां एक महत्वपूर्ण वित्तीय सम्मेलन में भाग लेंगे और सऊदी अरब के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे.
पिछले कुछ सालों के दौरान भारत और सऊदी अरब द्विपक्षीय संबंध काफी तेजी से आगे बढ़े हैं. 2017-18 में भारत का सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय व्यापार 27.48 अरब डॉलर रहा. इस तरह वह भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है.
सऊदी अरब ने पिछले महीने कहा था कि वह भारत के ऊर्जा, रिफाइनिंग, पेट्रोरसायन, बुनियादी ढांचा, कृषि, खनिज और खनन जैसे क्षेत्रों में 100 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है.
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