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Non Banking Fintech Startups को झटका, क्रेडिट देने पर RBI की रोक, समझिए डीटेल्स

Fintech: यह एक वर्चुअल कार्ड है जिसमें आपको पहले से ही पैसे दे दिए जाएंगे या आप इसमें पैसे डाल सकते हैं.

प्रतीक वाघमारे
बिजनेस न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>Non Banking Fintech Startups को झटका, क्रेडिट देने पर RBI की रोक, समझिए डीटेल्स</p></div>
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Non Banking Fintech Startups को झटका, क्रेडिट देने पर RBI की रोक, समझिए डीटेल्स

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फिनटेक स्टार्टअप्स (Fintech Startups) और उसके लाखों उपभोक्ताओं को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए आदेश से झटका लगा है. दरअसल, आरबीआई ने नॉन-बैंकिंग क्षेत्र के प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स यानि पीपीआई (PPI) इश्यूअर्स से कहा है कि वे अपने वॉलेट और कार्ड में क्रेडिट की सुविधा को लोड नहीं कर पाएंगे. यानि अपने एप के वॉलेट में क्रेडिट (उधार) नहीं दे पाएंगे.

अब केंद्रीय बैंक के इस आदेश के बाद किस पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा और इसके क्या मायने ये समझते हैं.

क्या होती हैं फिनटेक कंपनी और PPI?

फिनटेक कंपनी से यह मतलब है कि फाइनेंस के सेक्टर में काम करने वाली कंपनी जब टेक्नोलॉजी के जरिए सेवा देती है तो वो फिनटेक कहलाती है. जैसे पेटीएम, मोबीक्विक. अब पीपीआई को समझते हैं.

प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (Prepaid Payment Instrument) एक वित्तीय उपकरण है, जिसमें पहले से पैसे डाल कर रखे जा सकते हैं. इस पैसे से वस्तु और सेवाएं खरीदी जा सकती है. इसके जरिए आप पैसा ट्रांसफर भी कर सकते हैं. अभी देश में तीन प्रकार के पीपीआई काम कर रहे हैं. ये हैं सेमी क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई, क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई और ओपन सिस्टम पीपीआई.

बेसिकली इसे मोबाइल वॉलेट के रूप में जारी किया जा सकता है. अभी देश में काम कर रहे कुछ प्रमुख पीपीआई में पेटीएम, मोबिक्विक (सेमी क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई), गिफ्ट कार्ड (क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई), ट्रैवल, डेबिट या क्रेडिट कार्ड (ओपन सिस्टम पीपीआई) शामिल हैं.

आसान भाषा में समझें तो यह एक वर्चुअल कार्ड है जिसमें आपको पहले से ही पैसे दे दिए जाएंगे या आप इसमें पैसे डाल सकते हैं, जिसका आप इस्तेमाल कर सकते हैं.

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RBI के इस कदम से क्या असर पड़ेगा?

बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, केंद्रीय बैंक के इस कदम से लगभग एक करोड़ लोगों पर असर पड़ेगा जो बाय नाउ पे लेटर (Buy Now Pay Later) इस्तेमाल करते हैं. आदेश यह है कि पीपीआई के तहत जो क्रेडिट दिया जाता था उस पर बैन लगा है.

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, “इस कदम से 8-10 मिलियन ग्राहक प्रभावित होंगे. अगर ऐसे ग्राहकों के लिए खाते बंद कर दिए जाते हैं, तो यह एक सिस्टमैटिक रिस्क भी पैदा करेगा क्योंकि ये कई लोग रिपेमेंट नहीं कर पाएंगे.”

बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि "इस क्रेडिट सिस्टम में नए ग्राहकों को लाने के लिए बहुत मेहनत लगी, अब वे क्रेडिट सुविधा का सस्ते में इस्तेमाल उठाने ही लगे थे कि केंद्रीय बैंक ने इस पर बैन लगाने का लेटर भेज दिया."

उन्होंन आगे बताया कि, "यह इंडस्ट्री आने वाले दिनों में आरबीआई गवर्नर, पीएमओ और वित्त मंत्रालय को पत्र भेजेगा... उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव पर डेटा एकत्र किया जा रहा है जिससे उन्हें अवगत कराया जाएगा."

बता दें कि RBI ने अपने निर्देश में ज्यादा जानकारी नहीं दी है कि इसे बैन क्यों किया जा रहा है, मकसद क्या है, केवल ग्राहकों के हित में फैसला लिया गया बताना काफी नहीं है.

एक पेमेंट इंडस्ट्री के अधिकारी ने बताया कि, RBI का मकसद अगर नॉन बैंकिंग फिनटेक को क्रेडिट देने से रोकना है तो पूरे देश में चल रहा व्यापार ठप्प पड़ जाएगा. इससे तो यही समझ में आएगा कि RBI फिनटेक से ज्यादा बैंक को तव्वज्जो दे रहा है. इस इंडस्ट्री में 80 लाख से एक करोड़ तक ग्राहक है, इस सेवा को रोकने से सारे ग्राहक बैंक की तरफ चले जाएंगे ऐसा होने पर तो फिनटेक सेक्टर में कोई निवेश करेगा ही नहीं.

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