advertisement
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपनी एजीएम में घोषणा की है कि दिवाली तक कुछ बड़े शहरों के कुछ हिस्सों तक 5G इंटरनेट मिलने लगेगा. कंपनी के चेयरमैन ने यह भी घोषणा की है कि दिसंबर 2023 तक भारत के गांव गांव में 5जी नेटवर्क मिलने लगेगा.
रिलायंस जियो ने अपना प्लान एजीएम में सामने रखा है जिसके बाद समझ आता है कि कंपनी 5जी मार्केट पर अपना दबदबा बनाने की तैयारी में है. आइए जानते हैं कैसे?
AGM में कंपनी ने 2.75 लाख करोड़ रुपये का मेगा इनवेस्टमेंट प्लान बताया है. इसमें से अकेले 2 लाख करोड़ 5जी के रोलआउट पर खर्च किए जाएंगे. बाकी पैसा रिलायंस के पेट्रोकेमिकल बिजनेस में निवेश होगा. कंपनी इसके जरिए 2027 तक आरआईएल की वैल्यू को डबल करना चाहती है.
रिलायंस जियो- जियो एयर फाइबर (Jio Air Fiber) लॉन्च करने की तैयारी में है यानी जियो 5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) के लॉन्च के जरिए 10 करोड़ घरों तक पहुंचने का लक्ष्य बना रहा है जो रिलायंस को इस क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बना सकता है.
दरअसल जियो एयर फाइबर ऐसा डिवाइस होगा जो ग्रहकों को जियो फाइबर या घर पर लगे मॉडम जैसी स्पीड देगा. अंतर यह है कि जियो की इस डिवाइस को केवल घर पर ही नहीं बल्कि कहीं भी इस्तेमाल में लाया जा सकेगा. केवल इसे प्लग-इन करने की जरूरत होगी.
अब जाहिर तौर पर जियो अपने जियो फाइबर (FTTH) प्लान से पीछे हटेगा क्योंकि वह जियो एयर फाइबर लॉन्च करेगा. बता दें कि पिछले दो सालों में रिलायंस जियो फाइबर द्वारा केवल 70 लाख लोगों तक ही पहुंच बना सका है. लेकिन जियो फाइबर के तहत लक्ष्य बड़ा है.
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, अगर जियो इस टारगेट को पूरा कर लेता है तो कंपनी का ARPU यानी एवरेज रेवेन्यू पर यूजर बढ़ जाएगा. ARPU का मतलब ऐसे समझें कि प्रति यूजर जियो पर औसतन कितना खर्च कर रहा है.
तो खबर के मुताबिक, अभी जियो का ARPU 170 रुपये है और यब बढ़कर 250 से 300 रुपये हो सकता है. यानी जियो का हर यूजर हर महीने औसतन इतना खर्च कर सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)