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बैंक लोन महंगे होने के आसार बढ़ गए हैं. सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक एसबीआई ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. एसबीआई के बाद अब और भी बैंकों की ओर से लोन दरें बढ़ाने की संभावना बढ़ गई है.
एसबीआई ने सभी लोन दरों में 10 से 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है. बैंक ने एक साल के एमसीएलआर को 20 बेसिस प्वाइंट बढ़ा दिया है. अब यह 8.15 फीसदी पर पहुंच गया है. तीन साल का एमसीएलआर 8.1 फीसदी से बढ़ा कर 8.35 फीसदी कर दिया गया है. नई दरें तुरंत प्रभाव से लागू हो गई हैं.
देश के बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की कमी की वजह से और बैंक इंटरेस्ट रेट बढ़ा सकते हैं. बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी नवंबर 2016 से पहले के निचले स्तर पर पहुंच गई है. इससे पहले भी कुछ बैंक एमसीएलआर बढ़ा चुके हैं.
बैंकों की ओर से डिपोजिट रेट बढ़ाने के बाद यह लगने लगा था कि बैंक अब लोन की ब्याज दरें बढ़ाएंगे. बुधवार को एसबीआई ने टर्म डिपोजिट की ब्याज दरें बढ़ाने का ऐलान किया था. बैंक का कहना था सिस्टम में लिक्विडिटी कम हो गई है. साथ ही नोटबंदी का भी असर पड़ा है.
एसबीआई ने बुधवार को एक करोड़ रुपये तक के टर्म डिपोजिट पर 10 से 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी, एसबीआई बल्क डिपोजिट रेट में बढ़ोतरी करता रहा है लेकिन यह पहली बार है जब उसने रिटेल टर्म डिपोजिट की दरें बढ़ाई हैं. पिछले तीन महीने में एसबीआई ने बल्ड डिपोजिट के रेट दो बार बढ़ाए हैं. नोटबंदी के बाद यह पहली बार है जब बैंक ने 1 करोड़ रुपये से कम के रिटेल डिपोजिट पर ब्याज दरें बढ़ाई हैं.
एसबीआई की ओर से लोन दरें बढ़ाने के बाद अन्य सार्वजनिक बैंकों की ओर से भी लोन महंगा करने की संभावना पैदा हो गई है. अगले सप्ताह कुछ और सार्वजनिक बैंक लोन दरें बढ़ा सकते हैं.
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