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शेयर बाजार की तेजी से क्या आप भी हैं हैरान? जानिए इसकी 5 अहम वजह

सेंसेक्स ने 50,000 से 60,000 तक का आंकड़ा पार करने में आठ महीने से भी कम का समय लिया.

क्विंट हिंदी
बिजनेस न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>Top 5 Key factors behind the rally</p></div>
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Top 5 Key factors behind the rally

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) हर रोज नया रिकॉर्ड बना रहा है. साल 2021 में सेंसेक्स ने कई माइलस्टोन्स को पार किया है. 24 सितंबर 2021 को सेंसेक्स (BSE Sensex) ने पहली बार 60,000 का आंकड़ा पार किया और हरे निशान में रहते हुए 60,048 पर बंद हुआ. सेंसेक्स ने 50,000 से 60,000 तक का आंकड़ा पार करने में आठ महीने से भी कम का समय लिया. NSE निफ्टी (Nifty) भी 18,000 के काफी करीब 17,853 पर है. ऐसे में क्या वजह हो सकती है जिससे शेयर बाजार रोज नई ऊंचाई को छू रहा है. आइये नजर डालते हैं उन बड़ी वजहों पर जिनसे बाजार रोज नया रिकॉर्ड बना रहा है-

इस साल अभी तक BSE सेंसेक्स 25.75% जबकि NSE निफ्टी 27% चढ़ चुका है.

US फेड ने की टेपरिंग की घोषणा

फेड ने इशारा किया है कि वो बॉन्ड की खरीद में कमी इसी साल नवंबर से शुरू कर सकता है. हालांकि फेड ने सिग्नल दिया है कि इंटरेस्ट रेट में अचानक से बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. इन्वेस्टर इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी न होने वाले फेड के फैसले से कम्फर्ट फील कर रहे हैं. अमेरिका के सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद इंडिया सहित दुनिया भर के बाजारों में तेजी देखी गई.

फेड के द्वारा एसेट की खरीदारी कम करने का मतलब मोनेटरी स्टीम्यूल्स को कम करना है.

Evergrande क्राइसिस

चीन की रियल एस्टेट कंपनी Evergrande ग्रुप से आ रही कुछ सकरात्मक खबरों से भी निवेशकों का सेंटीमेंट बदला है. चीन के सेंट्रल बैंक पीपल्स रिपब्लिक बैंक ऑफ चाइना के द्वारा बैंकिंग सिस्टम में 17 बिलियन डॉलर डालने के बाद चिंता और कम हुई है.

बाजार के जानकर मानते हैं कि पहले चीन द्वारा खुद की ही टेक कंपनियों पर कार्रवाई और अब Evergrande ग्रुप के दिवालिया होने के संकट से भारत को फायदा हो सकता है और इंडिया के मार्केट में कैश फ्लो बढ़ेगा.

गवर्नमेंट रिफॉर्म्स

भारत सरकार ने काफी ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे मार्केट को फायदा हुआ है. कैबिनेट ने हाल में ही टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए रिलीफ पैकेज, बैड बैंक को समर्थन, ऑटो इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PIL) की घोषणा की है. इन सभी साहसिक कदमों का मकसद बाजार में हेल्दी कॉम्पिटिशन और भारत में विदेशी कंपनियों का निवेश बढ़ाना है. भारत सरकार ये कदम तब उठा रही है जब लोग चीन में इन्वेस्ट करने में अपनी रुचि खो रहे हैं.

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टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए रिलीफ पैकेज की घोषणा के बाद एयरटेल और वोडाफोन-आईडिया के शेयरों में अच्छी उछाल देखी गई थी. वोडाफोन-आइडिया के सीईओ ने भी आत्मविश्वास से कहा कि वो मार्केट में लड़ेंगे और सस्टेन करने में सफल होंगे.

कंपनियों से अच्छे तिमाही नतीजों की उम्मीद

जल्द ही कंपनियों द्वारा जून-सितम्बर तिमाही रिजल्ट की घोषणा की जाएगी. भारत के अच्छे आर्थिक डाटा और अब सब कुछ नॉर्मल होने से निवेशक कंपनियों से अच्छे तिमाही नतीजे की उम्मीद कर रहे हैं.

देश में हो रहे रिकॉर्ड वैक्सीनेशन और कोविड के लगातर घटते मामलों से भी निवेशकों का डर कम हुआ है.

रिटेल निवेशक कर रहे हैं अगुवाई

पिछले साल हुए लॉकडाउन के बाद करीब 1 करोड़ नये रिटेल निवेशकों ने मार्केट में अपना डीमैट अकाउंट खोला है. शेयर बाजार में रिटेल निवेशक की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. हाल की बात करे तो केवल अप्रैल 2021 से अगस्त के बीच 50 लाख से ज्यादा नये इन्वेस्टर स्टॉक मार्केट से जुड़े हैं.

पिछले साल शुरू हुई बुल्स की रैली में कई रिटेल निवेशक ने जमकर कमाई की है. रिटेल निवेशक भारत में होने वाले ग्रोथ में विश्वास रखते हुए बाजार में जमकर खरीदारी कर रहे हैं.

मार्केट एनालिस्ट मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. इसलिए विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) भी भारतीय बाजार में भारी-भरकम पैसा डाल रहे हैं जिससे बाजार चढ़ा है.

क्या बड़ी गिरावट के लिए हो जाना चाहिए तैयार?

भारत में पिछले सभी बुल मार्केट - 1992-92, 1994, 1998-2000, 2003-07 - में 5%, 10%, यहां तक कि हमने बाजार में 20% तक का करेक्शन देखा था. लेकिन इस बुल रैली में अब तक ऐसा कोई बड़ा सुधार देखने को नहीं मिला है. लेकिन यह बदल जाएगा और बाजार में सुधार होगा, शायद जल्द ही, क्योंकि बाजार के अभी के वैल्यूएशन को सही ठहराना मुश्किल है. संस्थागत निवेशकों के स्मार्ट मनी पर अब खुदरा निवेशकों का शौकिया पैसा हावी हो रहा है. यह तब बदल सकता है जब फॉरेन निवेशक बाजार में भारी बिक्री करने लगेंगे. हम नहीं जानते कि यह कब होगा और इसका परिणाम क्या होगा.
वी. के. विजयकुमार, चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजीस्ट, जियोजित फाइनेंशियल सर्विस

हालांकि मोतीलाल ओसवाल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ रामदेव अग्रवाल ने मई 2021 में प्रेडिक्शन किया था कि 2030 तक सेंसेक्स 2 लाख अंक तक पहुंच सकता है.

दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला भी मानते हैं 2030 तक निफ्टी 1 लाख के लेवल को छू सकता है. अभी निफ्टी 18,000 स्तर के करीब है.

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Published: 25 Sep 2021,06:10 PM IST

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