बीते एक-डेढ़ साल में भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में काफी उथल-पुथल हुई है. 2020 में कोविड-19 महामारी की वजह से इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी (Nifty 50) मार्च 2020 में रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर चले गये थे. लेकिन उसके बाद बुल्स की वापसी से शेयर बाजार ने पिछले एक ही साल में कई माइलस्टोन्स पार किए. 24 सितंबर को सेंसेक्स पहली बार 60,000 के ऊपर ट्रेड कर रहा है. आइये नजर डालते हैं BSE सेंसेक्स (Sensex) के पिछले एक साल के सफर पर-
23 मार्च 2020:
कोरोना महामारी को रोकने के लिए सरकार ने पूर्ण रूप से देश भर में लॉकडाउन लगाया. सेंसेक्स उस दिन 13.15% यानी 3935 अंक गिरकर अपने 5 साल के न्यूनतम स्तर 25,981 पर आ गया था.
अप्रैल 2020 से सेंसेक्स ने अपने न्यूनतम स्तर से वापसी शुरू किया और 8 अक्टूबर 2020 को इसने 40,000 का आकड़ा पार किया.
4 दिसंबर 2020:
कोविड के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ. ज्यादातर निवेशक अब सब कुछ पहले जैसा नॉर्मल और आर्थिक सुधार की उम्मीद लगाए थे. और सेंसेक्स 4 दिसंबर 2020 को 45,000 का आकड़ा पार करने में सफल हुआ.
21 जनवरी 2021:
इस साल के शुरुआत से ही शेयर बाजार में बुल्स की रैली जारी रहती है. 21 जनवरी को 50,000 का आकड़ा पार करते हुए बीएसई सेंसेक्स एक नये दशक की शुरुआत करता है.
कोविड की दूसरी लहर के पीक (मई-जुलाई 2021) के समय भी भारतीय शेयर बाजार में कोई बड़ी करेक्शन देखने को नहीं मिलती है.
13 अगस्त 2021:
अगस्त में कोविड की दूसरी बेव की प्रबलता थोड़ी कम होती है. वैक्सीनेशन की अच्छी रफ्तार से इन्वेस्टर का डर कम होता है. और इसी बीच सेंसेक्स 13 अगस्त को पहली बार 55,000 का लेवल पार करता है.
23 सितंबर 2021:
सेंसेक्स आखिरी कारोबारी दिन की तुलना में 958 अंक चढ़कर 60,000 स्तर के बेहद करीब 59,885 पर बंद होता है.
24 सितंबर 2021:
BSE सेंसेक्स 24 सितंबर को 60,000 के ऊपर 60,158 अंक पर खुला.
बीएसई सेंसेक्स 1986 से कार्यरत है. अपने पहले दिन सेंसेक्स 549.43 पर बंद हुआ था. अपने शुरूआती दिनों से सेंसेक्स ने बहुत लंबा सफर तय किया है. अभी सेंसेक्स अपने पहले दिन की तुलना में 110 गुणा बढ़कर कारोबार कर रहा है.
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