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Stock Market Crash: बाजार में भारी गिरावट, Sensex 1023 अंक टूटा, जानें 5 बड़ी वजह

Stock Market Crash: निफ्टी के 50 शेयरों में 42 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. केवल 8 शेयर्स में तेजी रही.

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बिजनेस न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>बाजार में भारी गिरावट, Sensex 1023 अंक टूटा, जानें 5 बड़ी वजह</p></div>
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बाजार में भारी गिरावट, Sensex 1023 अंक टूटा, जानें 5 बड़ी वजह

(फोटो : द क्विंट )

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Stock Market Crash News Update Today: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई. शेयर बाजार आज लगातार तीसरे दिन गिरकर बंद हुआ. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 1.75% यानी 1023 अंको की गिरावट के साथ 57,621 पर बंद हुआ. उधर NSE निफ्टी 50 (Nifty) 1.73% या करीब 303 पॉइंट्स गिरकर 17,213 पर आ गया. इन तीन कारोबारी सत्र में निवेशकों के 7 लाख करोड़ रूपये स्वाहा हो गए.

Nifty के 50 में 42 शेयर लाल निशान में बंद-

निफ्टी के 50 शेयरों में 42 शेयर गिरावट में साथ बंद हुए. केवल 8 शेयर्स में तेजी रही. टाटा कंज्यूमर, लार्सन, HDFC बैंक, ब्रिटानिया और HDFC लाइफ के शेयर 3% से ज्यादा लुढ़के.

वहीं, पावरग्रिड, ONGC, टाटा स्टील, NTPC और SBI के शेयर में प्रमुख रूप से तेजी रही.

बाजार में भारी गिरावट की 5 बड़ी वजह-

विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार में की जा रही भारी बिकवाली-

विदेशी इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) भारतीय शेयर बाजार से लगातार भारी मात्रा में पैसा निकाल रहे हैं. HDFC, HDFC बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस जैसे शेयर्स जिसमें FIIs की शेयरहोल्डिंग काफी ज्यादा है, 3 फीसदी से 3.5 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए.

आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने इक्विटी मार्केट में नेट रूप से ₹2,267.86 की बिक्री की थी. अक्टूबर 2021 से अब तक FIIs भारतीय बाजार से ₹1,14,100 करोड़ रूपये निकाल चुके हैं.

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RBI मोनिटरी पॉलिसी मीटिंग-

मोनेटरी पॉलिसी मीटिंग 8 जनवरी से शुरू हो रहा है और 10 जनवरी को पॉलिसीमेकर अपना फैसला सुनाएंगे. सभी निवेशकों की नजर इस मीटिंग पर है. मार्केट एक्सपर्ट को इस बात का डर है कहीं ऑइल प्राइस में हो रही बढ़ोतरी के कारण RBI अपना रुख 'अकॉमडटिव' से 'न्यूट्रल' में बदल दें. RBI रिवर्स रेपो रेट में भी बढ़ोतरी कर सकता है.

ऑयल प्राइस में बढ़ोतरी-

क्रूड ऑइल के कीमत में बढ़ोतरी भी बाजार के लिए चिंता का विषय है. क्रूड ऑइल का प्राइस 95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. इसका सीधा असर कच्चे माल के कीमतों पर पड़ेगा. जिसका असर कंपनी के प्रॉफिट पर पड़ सकता है

फेड कर सकता है इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी-

जनवरी के जॉब रिपोर्ट से पता चलता है अमेरिका में नॉन-फार्म पैयरोल 4.67 लाख बढ़ गया, जोकि मार्केट की उम्मीदों से काफी ज्यादा है. नॉन-फार्म पैयरोल रिपोर्ट बताता है आखिरी महीने अमेरिका के इकॉनमी में कितने वर्कर्स (फार्मर इंडस्ट्री को छोड़) घटे या बढ़े. स्ट्रांग जॉब डेटा से अब निवेशकों के बीच डर का माहौल है कि कहीं फेड उम्मीद से पहले ब्याज दरों में बढ़ोतरी न कर दें. गुरुवार को इन्फेलेशन डेटा आना है. फेड की नजर इस डेटा पर होगी और स्ट्रांग इन्फेलेशन डेटा भी फेड को इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर कर सकता है.

अब यह संदेह से परे है कि फेड को बढती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए कदम उठाना पड़ेगा. अगर फेड अत्यधिक कठोर हो जाता है और मार्च में 50 बीपीएस की दर में बढ़ोतरी करता है, तो इससे बाजारों में भारी गिरावट हो सकती है.
चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजीस्ट, जियोजित फाइनेंशियल सर्विस

US 10 ईयर बॉन्ड यिल्ड 1.91% पर पहुंच गया है, जोकि 2019 के बाद सबसे ज्यादा है. इससे बढती महंगाई का साफ पता चलता है.

इससे पहले शुक्रवार को BSE सेंसेक्स 143.20 पॉइंट्स टूटकर 58,644.82 और NSE निफ्टी 50 करीब 44 अंक नीचे 17,516.30 पर बंद हुआ था.

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