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सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस रिटेल और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) डील के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अमेजन की याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमति दे दी. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने के हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश के निर्देश पर रोक लगाते हुए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से रिलायंस के साथ एफआरएल के विलय पर कोई अंतिम फैसला न करने को कहा.
अमेरिका की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी ने हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. हाई कोर्ट के उस आदेश से रिलायंस-एफआरएल डील का रास्ता खुला था.
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनसीएलटी के समक्ष कार्यवाही को रोकने के लिए आदेश पारित करने का प्रस्ताव दिया. फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को विनियामक मंजूरी के लिए न्यायाधिकरण से संपर्क किया था.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आठ फरवरी को एफआरएल और विभिन्न वैधानिक प्राधिकारियों को रिलायंस रिटेल के साथ हुए 24,713 करोड़ रुपये के समझौते के संबंध में यथास्थिति बरकरार रखने के अपनी एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाई थी. हाई कोर्ट की एकल बेंच के दो फरवरी के आदेश के खिलाफ एफआरएल की याचिका पर यह अंतरिम आदेश आया था.
शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में भी जारी रहा. रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचडीएफसी जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट से सेंसेक्स 1145 अंक टूट गया.
वैश्विक बाजारों के नकारात्मक रुख ने भी बाजार धारणा को प्रभावित किया. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1145.44 अंक यानी 2.25 फीसदी के नुकसान से 49744.32 अंक पर आ गया. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 306.05 अंक यानी 2.04 फीसदी टूटकर 14700 अंक से नीचे 14675.70 अंक पर बंद हुआ.
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