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मारुति सुजुकी के बाद टाटा मोटर्स अपनी छोटी डीजल गाड़ियों का प्रोडक्शन बंद कर सकती है. कंपनी के मुताबिक अगले साल से BS-VI उत्सर्जन मानकों का पालन करना जरूरी हो जाने के बाद उसके लिए इन गाड़ियों का उत्पादन महंगा हो जाएगा.
टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हेकिल बिजनेस यूनिट के प्रेसिडेंट मयंक पारीक ने कहा
उन्होंंने कहा, ‘’ इस सेगमेंट में टाटा की 80 फीसदी कारें पेट्रोल वैरियंट में ही बिकती हैं. इसलिए अलग से डीजल कारों के लिए इंजन डेवलप करने के लिए अलग से निवेश करने का तुक नहीं बनता. BS-VI उत्सर्जन मानकों की वजह से छोटी डीजल गाड़ियों के लिए इंजन विकसित करना काफी खर्चीला साबित होगा.
बाजार में इस वक्त टाटा मोटर्स की एंट्री लेवल हैचबैक टियागो मौजूद है, जिसमें एक लीटर का डीजल इंजन लगा है. कॉम्पैक्ट सिडान टिगोर में 1.05 लीटर का पावर ट्रेन है. बोल्ट और जेस्ट जैसी पुरानी मॉडल की कारों में 1.3 लीटर का डीजल इंजन लगा है.
अगले साल से BS-VI उत्सर्जन मानकों का पालन करना जरूरी हो जाएगा. इसलिए तमाम बड़ी कंपनियां डीजल कारों के उत्पादन में कटौती करना चाहती है. इस महीने की शुरुआत में मार्केट लीडर मारुति सुजुकी ने कहा कि वह 1 अप्रैल से डीजल कारों का उत्पादन बंद कर देगी. भारत स्टेज यानी BS-VI उत्सर्जन मानक पूरे देश में 1 अप्रैल 2020 से लागू हो जाएगा. इस वक्त देश भर में वाहनों में BS IV उत्सर्जन मानकों का पालन किया जा रहा है. भारत स्टेज उत्सर्जन मानकों को सरकार ने तय किया है. ताकि वाहनों के उत्सर्जन से एयर पॉल्यूशन को कम किया जा सके.
दूसरी ओर, फोर्ड ने कहा है कि वह डीजल मॉडलों की कारों का उत्पादन बंद नहीं करेगी. फोर्ड EcoSport and Endeavour जैसी डीजल कारें बेचती हैं. कंपनी ने कहा वह इन गाड़ियों में BS-VI उत्सर्जन मानकों के मुताबिक 1 अप्रैल 2020 से पहले डीजल पावर ट्रेन लगाएगी.
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