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आकाश की कहानी: ‘12 बच्चों’ से लेकर BYJU’s से बिलियन डॉलर की डील तक

बायजू आकाश के विकास में तेजी लाने के लिए आगे निवेश करेगा

क्विंट हिंदी
बिजनेस
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(फोटो: IANS)
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(फोटो: IANS)

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दिल्ली में एक छोटी सी क्लास में 12 बच्चों के सात एक कोचिंग सेंटर शुरू हुआ था 1998 में. आज वही क्लास इतनी बड़ी हो गई है कि इसमें ढाई बच्चे पढ़ते हैं और अब इसे एक बहुत बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने 1 बिलियन डॉलर में खरीद लिया है. ये कहानी है आकाश की आसमानी कामयाबी की कहानी.

एजुकेशन टेक्नोलॉजी (एडटेक) कंपनी बायजू ने एक रणनीतिक विलय के तहत आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (AESL) का अधिग्रहण किया है. टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, इस डील के लिए बायजू ने करीब एक अरब डॉलर की कीमत अदा की है. AESL 33 साल से देशभर में कोचिंग इंस्टीट्यूट चला रही है.

ये साझेदारी भारत में सबसे बड़े और सबसे विश्वसनीय शिक्षा ब्रांडों में से दो को एक साथ लाती है, जिसमें बायजू के कंटेंट और तकनीकी क्षमताओं के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण टेस्ट की तैयारी वाले सेगमेंट में आकाश की विशेषज्ञता शामिल है. इस एकीकरण के बाद बायजू आकाश के विकास में तेजी लाने के लिए आगे निवेश करेगा.

आकाश 215 से अधिक केंद्रों के साथ आकाश मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा, स्कूल/बोर्ड परीक्षा, केवीपीवाई, एनटीएसई, ओलंपियाड और अन्य फाउंडेशन स्तर की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को शिक्षा मुहैया कराता है.
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बायजू ने अपने बयान में क्या कहा?

बायजू के संस्थापक और सीईओ बायजू रविंद्रन ने एक बयान में कहा, "हमारी पूरक ताकत हमें क्षमताओं का निर्माण करने, आकर्षक और व्यक्तिगत सीखने के तरीके के साथ सक्षम करेगी. भविष्य में लर्निग हाइब्रिड तरीके से होगी और ये साझेदारी ऑफलाइन और ऑनलाइन सीखने का सबसे अच्छा तरीका पेश करेगी."

रविंद्रन ने कहा है कि अधिग्रहण के बाद बायजू आकाश के विकास के लिए और निवेश करेगा.  

'आकाश अलग ईकाई की तरह चलेगा'

AESL के मैनेजिंग डायरेक्टर आकाश चौधरी ने कहा है कि आकाश इंस्टीट्यूट 'अलग ईकाई' की तरह चलते रहेंगे.

AESL को ब्लैकस्टोन समूह का निवेश प्राप्त है. एशिया अधिग्रहण के सह-प्रमुख और ब्लैकस्टोन में भारत के निजी इक्विटी के प्रमुख अमित दीक्षित ने एक बयान में कहा, "हमने AESL में निवेश किया, क्योंकि यह एक पेशेवर प्रबंधन टीम, बेस्ट-इन-क्लास कॉर्पोरेट प्रशासन और भारत में असाधारण परिणामों के साथ 33 साल के ट्रैक-रिकॉर्ड के साथ अग्रणी शिक्षा ब्रांडों में से एक है."

“हमने हमेशा माना है कि ओमनी-चैनल टेस्ट की तैयारी और ट्यूशन के लिए एक बेहतरीन मॉडल होगा और हम भारतीय पूरक शिक्षा में दो अग्रणी कंपनियों आकाश और बायजू के बीच साझेदारी का हिस्सा बनने के लिए तत्पर हैं. आकाश और बायजू का संयोजन अत्यधिक तालमेल से भरा है और हम भारत की सबसे बड़ी शिक्षा कंपनी बनाने में मदद करने को लेकर उत्साहित हैं.” 
अमित दीक्षित, ब्लैकस्टोन में भारत के निजी इक्विटी के प्रमुख 

क्या है आकाश की कहानी?

आकाश इंस्टीट्यूट बाप-बेटे की मेहनत और बिजनेस की समझ का नतीजा है. 1998 में दिल्ली में एक छोटे से कोचिंग सेंटर में 12 बच्चों के एक बैच के साथ शुरू हुआ था. अब 30 सालों से ज्यादा समय के बाद आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (AESL) लाखों बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल एग्जाम पास करने में मदद कर चुका है.

AESL के मौजूदा चेयरमैन जेसी चौधरी ने आकाश इंस्टीट्यूट का सफर 12 छात्रों को मेडिकल एग्जाम के लिए कोचिंग देने से शुरू किया था. 12 में से 7 छात्रों का एग्जाम क्लियर हो गया था.  

जेसी चौधरी ने शुरुआत में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाया था और उन्हें छात्रों को मिलने वाली शिक्षा का स्तर पता था. इसलिए उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों की मदद का फैसला किया.

जल्दी ही 12 बच्चों का बैच 50 में और फिर 500 में बदल गया. धीरे-धीरे आकाश इंस्टीट्यूट पूरे भारत में फैल गया. IIT-JEE और NEET की तैयारी करने वाले बच्चों के लिए आकाश इंस्टीट्यूट एक भरोसेमंद नाम बन गया था.

2006 में जेसी चौधरी के बेटे आकाश ने उनका साथ देना शुरू किया. अब आकाश AESL के बिजनेस ऑपरेशन्स देखते हैं और जेसी चौधरी बिजनेस से जुड़े फैसले लेते हैं. AESL का सालाना टर्नओवर अब 1200 करोड़ से ज्यादा का हो गया है.

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Published: 06 Apr 2021,05:53 PM IST

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