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सरकार IDBI बैंक में अपना प्रोमोटिंग और मैनेजमेंट कंट्रोल देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी LIC को सौंपने जा रही है. LIC ने IDBI के 51% हिस्से का अधिग्रहण कर लिया है.
बुधवार को कैबिनेट ने सरकार को IDBI बैंक में सरकार का हिस्सा 50% से कम करने को मंजूरी दे दी. सरकार ने LIC को प्रेफरेंशियल और ओपन ऑफर के जरिए IDBI में 51% हिस्सा खरीदने के लिए मंजूरी दे दी है. ये सौदा LIC को प्रोमोटर के अधिकार देगा.
एक अधिकारी के मुताबिक कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है. डील के बाद IDBI बैंक LIC की सब्सिडियरी हो जाएगा, जिससे LIC को अपने इंश्योरेंस के कारोबार में बड़ा बूस्ट मिलेगा.
सरकारी इंश्योरर LIC ने ऐसे वक्त में IDBI बैंक को खरीदा है, जब बैंक खराब हालत से गुजर रहा है. इंडिया रेटिंग्स एजेंसी के मुताबिक, बैंक की हालत बहुत खराब है. बैंक के एक-तिहाई एसेट्स संकट में हैं.
हितों के टकराव से बचने के लिए LIC अन्य बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 10% कर सकता है. LIC के पास कम से कम 8 बैंकों में 10% से ज्यादा हिस्सेदारी है. RBI की गाइडलाइंस के मुताबिक इन बैंकों में हिस्सेदारी घटाकर 10% तक लाई जाएगी. सरकारी बैंकों के अलावा LIC की प्राइवेट बैंकों में भी हिस्सेदारी है.
LIC के पास IDBI बैंक की सात से साढ़े सात परसेंट हिस्सेदारी पहले से है। हालांकि इस सौदे से सरकार को कोई रकम नहीं मिलेगी। शेयर प्राइस के आधार पर इस सौदे से बैंक को 10,000 से 13,000 करोड़ रुपये की पूंजी मिल सकती है।
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