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चीन: पिछले एक साल में सबसे तेजी से बढ़ा निर्यात, आयात में कमी

निर्यात बढ़ने के क्या मायने हैं?

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बिजनेस
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निर्यात बढ़ने के क्या मायने हैं?
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निर्यात बढ़ने के क्या मायने हैं?
(प्रतीकात्मक फोटो)

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चीन का निर्यात अगस्त में लगातार तीसरे महीने बढ़ा है. देश के निर्यात ने आयात में आई कमी की भरपाई कर दी है. चीन के ज्यादा से ज्यादा ट्रेडिंग पार्टनर अब कोरोना वायरस लॉकडाउन में ढील दे रहे हैं, जिसकी वजह से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को फायदा मिल रहा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट का कहना है कि अगस्त में चीन का निर्यात 9.5 फीसदी बढ़ गया.

7 सितंबर के कस्टम डेटा के मुताबिक, पिछले साल अगस्त के मुकाबले इस बार निर्यात 9.5 फीसदी बढ़ा है. ये मार्च 2019 के बाद से सबसे ज्यादा बढ़त है. इस आंकड़े ने जुलाई में 7.2 फीसदी की बढ़त को भी पीछे छोड़ दिया है.

हालांकि, चीन का आयात 0.1 फीसदी की बढ़त के अनुमान की तुलना में 2.1 फीसदी गिर गया है. ये जुलाई में 1.4 प्रतिशत की गिरावट से भी ज्यादा है.

निर्यात बढ़ने के क्या मायने हैं?

मजबूत निर्यात इस बात का इशारा है कि चीन की अर्थव्यवस्था की ज्यादा संतुलित और तेज रिकवरी हो रही है. अर्थव्यवस्था पहली तिमाही में हुई रिकॉर्ड गिरावट से उबर रही है. ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स के लुइस कुजीस ने कहा, "चीन का निर्यात अनुमान को धता बताते हुए महत्वपूर्ण रूप से ग्लोबल ट्रेड के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा है और साथ ही ग्लोबल मार्केट शेयर भी ले रहा है."

पिछले हफ्ते मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि पर एक निजी सर्वे से पता लगा कि चीन की फैक्ट्रियों को अगस्त में नए निर्यात ऑर्डर मिले हैं. विदेश से डिमांड ठीक होने के बाद चीन के निर्यात में सुधार देखने को मिला.

मेडिकल सप्लाई की रिकॉर्ड शिपमेंट और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की ज्यादा डिमांड की वजह से चीन के निर्यात प्रदर्शन पर ग्लोबल स्लोडाउन का उतना बुरा असर नहीं पड़ा, जितना अनुमान लगाया जा रहा था.  
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आयात में गिरावट क्यों?

आयात में गिरावट घरेलू डिमांड की कमी की ओर इशारा कर रहा है. हालांकि रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कैपिटल इकनॉमिक्स के जूलियन इवांस-प्रिचार्ड ने कहा कि आयत वॉल्यूम के मामले में ज्यादातर स्थिर ही है.

जूलियन ने कहा, "क्रेडिट ग्रोथ में हो रही बढ़ोतरी और इंफ्रास्ट्रक्चर आधारित प्रोत्साहन मिलने की वजह से आयात वॉल्यूम आने वाले महीनों में मजबूत रहना चाहिए."

अगस्त में पिछले महीने के रिकॉर्ड हाई कॉपर आयात में गिरावट देखी गई क्योंकि मुख्य कंजम्प्शन सेक्टर्स में डिमांड की कमी रही. कोयले का आयात पिछले महीने के मुकाबले 20.8 फीसदी गिर गया.

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