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कमाई कैसे बढ़ाएं, इस सवाल का आसान जवाब है म्यूचुअल फंड. 2017 में मिले जोरदार रिटर्न के लिहाज से तो कहा ही जा सकता है. पिछले साल म्यूचुअल फंड में 6 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया. साल के अंत तक कुल म्यूचुअल फंड 23 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. लगातार पांच साल से म्यूचुअल फंड की तरफ लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है. इसकी सबसे ब ड़ी वजह है उनमें मिला बेहतरीन रिटर्न.
जानकारों के मुताबिक कमाई को बढ़ाने के लिए अभी भी म्युचुअल फंड सबसे कम जोखिम वाला तरीका हैं. लेकिन 2018 के टॉप म्युचुअल फंड स्कीम के बारे में बात करने से पहले ये जान लें.
ऐसी कई म्युचुअल फंड स्कीम हैं जिन्होंने पिछले साल 80 परसेंट तक रिटर्न दिया है. जैसे एसबीआई स्मॉल एंड मिडकैप फंड ने जोरदार कमाई कराई. इसके अलावा टाटा इंडिया कंज्यूमर फंड ने 68 फीसदी, रिलायंस स्मॉलकैप फंड ने 60 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसके अलावा कई कंपनियों ने स्मॉलकैप, मिड कैप में काफी शानदार मुनाफा दिया.
पिछले साल देश में एक्टिव कुल 42 म्यूचुअल फंड कंपनियों का एसेट 40 फीसदी बढ़ा है. पिछले पांच साल के दौरान यह औसत 24 परसेंट रहा. इसने पहली बार मई, 2014 में 10 लाख करोड़ रुपये के जादुई आंकड़े को पार किया था. अब यह दोगुना से ज्यादा होकर कुल 23 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया.
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पिछले साल की तो बात हो गई, लेकिन इस साल किस तरह की म्युचुअल फंड स्कीम में निवेश करना चाहिए. जानकारों के मुताबिक इस साल भी शेयर बाजार में तेजी बने रहने के आसार हैं. ऐसे में म्युचुअल फंड इक्विटी स्कीम में इस साल भी अच्छी कमाई मुमकिन है.
जानकारों के मुताबिक अभी देश में म्यूचुअल फंड के विस्तार की बहुत गुंजाइश है. जिस तेजी से परंपरागत बचत स्कीम में ब्याज कम हो रहा है उससे बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे स्कीम में कमाई बहुत कम है. ऐसे में शेयर बाजार की बढ़ती तेजी ने म्युचुअल फंड को बेहद आकर्षक बना दिया है.
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(इनपुटः Bloombergquint और PTI से)
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