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अब आप प्लेन में सफर करने के दौरान फोन कॉल और इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे. अगले तीन-चार महीनों के दौरान भारतीय एयरस्पेस में उड़ने वाले विमानों में इस सुविधा के बहाल होने की उम्मीद है. दूरसंचार विभाग के एक आला अफसर ने मंगलवार को सरकार की ओर से यह नई सुविधा बहाल करने के फैसले के बारे में जानकारी दी. दरअसल दूरसंचार आयोग ने दूरसंचार विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें विमान में यात्रा के दौरान फोन करने और इंटरनेट सुविधा देने की बात की गई थी.
ट्राई (दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) की सिफारिश के मुताबिक एक बार विमान के 3000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने के साथ फोन कनेक्टिविटी बहाल हो जाएगी. टेरेस्टेरियल नेटवर्कों से तालमेल बिठाने के लिए कुछ पाबंदियों के साथ उड़ान में फोन और इंटरनेट सेवा को अनुमति दी जाएगी. कोई भी अमूमन विमान टेक-ऑफ के तीन चार मिनट बाद ही 3000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाता है.
ट्राई की सिफारिशों के मुताबिक इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी को प्रमोट करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स से लाइसेंस के तौर पर सालाना एक रुपया फीस लिए जाने की योजना है. हालांकि सरकार ऑपरेटरों की ओर से वसूले जाने वाले शुल्क का मैकेनिज्म तय करने में दखल नहीं देगी.
दुनिया भर में फ्लाइट में इंटरनेट सेवाओं के चार्जेज दूसरी जगहों पर मुहैया इंटरनेट के चार्ज से ज्यादा होता है.
बहरहाल, अंतर मंत्रालय टेलीकॉम कमीशन ने विमानों में इंटरनेट सेवा मुहैया कराने के साथ ही टेलीकॉम ओम्बुड्समैन के गठन की भी मंजूरी दे दी है. दूरसंचार विभाग में शिकायत निवारण मैकेनिज्म है. इसे हर तिमाही में एक करोड़ उपभोक्ताओं की शिकायतें मिलती हैं.
ट्राई ने ओम्बुड्समैन के गठन के लिए अतिरिक्त अधिकार की मांग की है. दूरसंचार आयोग ने इसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है.
ओम्बुड्समैन के गठन के लिए ट्राई एक्ट में संशोधन किया जाएगा. ट्राई ओम्बुड्समैन के कामकाज का मैकेनिज्म भी तय करेगा. साथ ही यह भी तय करेगा कि देश में कितने ओम्बुड्समैन बनेंगे.
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