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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर जेपी इन्फ्राटेक के 21 हजार फ्लैट खरीदारों की दिक्कतें खत्म नहीं हुई तो वह संविधान के अनुच्छेद -142 के तहत अपनी असीमित ताकत का इस्तेमाल कर सकता है. अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को असीमित शक्तियां प्राप्त हैं जिनका इस्तेमाल करते हुए वह कोई भी आदेश जारी कर सकता है जो कि उस परिस्थिति विशेष में पूरी तरह न्याय देने के लिए जरूरी हो.
दरअसल जेपी इन्फ्राटेक के फ्लैट खरीदारों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि इस कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया तो उनके मुवक्किलों (फ्लैट खरीदारों) को काफी मुश्किलों को सामना करना होगा. अगर NCLAT जेपी को दिवालिया घोषित करता है तो सबसे पहले बैंक अपना पैसा वापस लेंगे, फ्लैट खरीदारों को कुछ नहीं मिलेगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है जेपी के फ्लैट खरीदारों को उनका घर दिलाने लिए जरूरत पड़ी तो संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल किया जाएगा.
इस बीच, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह बिल्डरों के चंगुल में फंसे घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए एक यूनिफॉर्म प्रस्ताव तैयार करा रही है. इस प्रस्ताव को 23 जुलाई को यूनिटेक होम बायर्स मामले पर होने वाली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत में पेश किया जाएगा
पिछले नौ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हजारों फ्लैट खरीदारों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को एक यूनिफॉर्म प्रस्ताव लाना चाहिए. सरकार को एक ऐसा यूनिफॉर्म प्रस्ताव लाना चाहिए जिससे कि ऐसे सभी मामलों का समाधान हो सके. बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले से फ्लैट खरीदारों की उम्मीद बढ़ी है.
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