Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोरोना का कहर: एक्सपोर्ट सेक्टर की 1.5 करोड़ नौकरियों पर खतरा

कोरोना का कहर: एक्सपोर्ट सेक्टर की 1.5 करोड़ नौकरियों पर खतरा

डब्ल्यूटीओ ने कहा है कि कोरोना संकट से ग्लोबल ट्रेड 38 फीसदी कम हो जाएगा

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कोरोना वायरस के कहर से एक्सपोर्ट सेक्टर की 1.5 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं
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कोरोना वायरस के कहर से एक्सपोर्ट सेक्टर की 1.5 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं
(फाइल फोटो : रॉयटर्स) 

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दुनिया भर में फैले कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से भारत से निर्यात करने वालों के पचास फीसदी ऑर्डर कैंसल हो चुके हैं. इससे एक्सपोर्ट सेक्टर का भविष्य अधर में लटक गया है. अगर संकट जारी रहा तो एक्सपोर्ट सेक्टर में काम करने वाले डेढ़ करोड़ लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने फियो के हवाले से खबर दी है कि इससे एक्सपोर्ट करने वाली यूनिटों के पास कैश की भारी किल्लत हो जाएगी. उन्होंने बैंक से जो कर्ज लिया है वे एनपीए बन जाएंगे.

ऑर्डर पूरा करने के लिए काम शुरू करने की इजाजत मांगी

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर ऑर्गेनाइजेशन यानी फियो के प्रेसिडेंट शरद सर्राफ ने कहा कि अगर फैक्टरियों को मिनिमम वर्कफोर्स के साथ वक्त पर ऑर्डर पूरा करने की इजाजत नहीं दी गई तो एक्सपोर्ट यूनिट्स के सामने भारी सकंट छा जाएगा. उन्हें बंद करना पड़ेगा. फियो ने सरकार से निर्यात सेक्टर के लिए तरंत राहत के ऐलान की मांग की. फियो ने मांग की है कि तुरंत मैन्यूफैक्चरिंग की अनुमति दे ताकि सुरक्षा और सैनिटाइजेशन उपायों को अपना कर काम शुरू किया जा सके.

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फियो ने मांगा सरकार से पैकेज

फियो ने ब्याज मुक्त वर्किंग कैपिटल की मांग की है. देश में जेम्स ज्वैलरी, हैंडीक्राफाफ्ट गारमेंट और लेदर से जैसे एक्सपोर्ट आधारित उद्योगों में पांच करोड़ से भी ज्यादा लोग काम करते हैं. दुनिया भर में कोरोनावायरस की वजह से चल रहे लॉकडाउन में कपंनियां अपना उत्पादन नहीं कर पा रही हैं.

दुनिया भर में कोरोनावायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचने का अंदेशा है. आईएमएफ समेत कई एजेंसियों ने इसकी वजह से दुनिया में 1930 के बाद सबसे बड़ी मंदी की आशंका जताई है. डब्ल्यूटीओ ने कहा है कि कोरोनावायरस से लगे झटके वजह से ग्लोबल ट्रेड में 38 फीसदी की कमी आ सकती है और दुनिया की जीडीपी 8.8 फीसदी घट सकती है.

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