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शेयर मार्केट पर गुरुवार को एक बार फिर कोरोनावायरस का कहर टूटा. बाजार खुलते ही धराशायी हो गया. दोपहर के कारोबार के दौरान 2,700 अंकों से ज्यादा की गिरावट हुई और इस दौरान निफ्टी सूचकांक 9,700 के स्तर से नीचे आ गया. इसके चलते इक्विटी बाजार में निवेशकों के नौ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए.
बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन बुधवार को कारोबार खत्म होने पर 137 लाख करोड़ रुपये था, जो गुरुवार को सुबह साढ़े 10 बजे तक घटकर 128 लाख करोड़ रुपये रह गया.
कारोबारियों के मुताबिक वैश्विक रुख के अलावा विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने के चलते निवेशकों की भावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक
26 मार्च 2018 के बाद पहली बार निफ्टी 10 हजार के नीचे आया है. मिडकैप इंडेक्स 38 महीने के निचले स्तर पर आ गए हैं. आज के कारोबार में रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी के शेयरों में 9 फीसदी कमजोरी देखने को मिल रही है.
डब्ल्यूएचओ की ओर से कोरोनावायरस को आधिकारिक तौर पर वैश्विक महामारी घोषित करने के बाद बाजार को यह झटका लगा है. कई देशों की ओर से ट्रैवल पर बैन लगाने से एविएशन,टूरिज्म और हॉस्पेटिलिटी इंडस्ट्री का बुरा हाल है.
कोरोनावायरस की वजह से यात्राओं पर लगे बैन से एविएशन, टूरिज्म और होटल इंडस्ट्री को करारा झटका लगा है. फार्मा सेक्टर भी इसकी चपेट में है. सबसे ज्यादा झटका एविएशन सेक्टर के शेयरों को लगा है.
भारत की ओर से अस्थायी वीजा बैन की वजह से एयरलाइंस के शेयर टूट गए. गुरुवार को इंटरग्लोब एविएशन और स्पाइसजेट के शेयर बुरी तरह गिर गए. इंटरग्लोब एविएशन के शेयर 10 फीसदी गिर कर 1,039.95 पर पहुंच गए जबकि स्पाइस जेट के शेयरों में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 50.25 रुपये पर पहुंच गया.
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