Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोरोनावायरस देगा इकनॉमी को झटका,1 फीसदी तक कम हो सकता है GDP

कोरोनावायरस देगा इकनॉमी को झटका,1 फीसदी तक कम हो सकता है GDP

कोरोनावायरस ने मैन्यूैफक्चरिंग से लेकर सर्विस सेक्टर तक की कंपनियों पर असर पड़ेगा. रेवेन्यू में भारी कमी की आशंका 

क्विंट हिंदी
बिजनेस
Published:
कोरोनावायरस से एयरलाइंस कंपनियों की इंटनेशनल बुकिंग 90 फीसदी तक कम हो गई है.
i
कोरोनावायरस से एयरलाइंस कंपनियों की इंटनेशनल बुकिंग 90 फीसदी तक कम हो गई है.
(प्रतीकात्मक फोटो: PTI)

advertisement

कोरोनावायरस की वजह से भारत का जीडीपी आधा से एक फीसदी तक घट सकता है. रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स के सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है. सर्वे में 150 अर्थशास्त्रियों, बड़े निवेशकों, विश्लेषकों और कॉरपोरेट कंपनियों के आला अफसरों को शामिल किया गया था. सर्वे में मैन्यूफैक्चरिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज से लेकर बैंकिंग सेक्टर के लोगों की राय पूछी गई थी.

निर्यात में और कमी की आशंका

सर्वे में शामिल किए गए 52 फीसदी लोगों का अनुमान था कि जीडीपी में आधा फीसदी की गिरावट आएगी, जबकि 22 फीसदी का मानना था कि अगले वित्त वर्ष (2020-21) में इसमें एक फीसदी की कमी आ सकती है. सर्वे में जिन 103 लोगों से सवाल पूछे गए थे उनमें से 58 फीसदी को अगले वित्त वर्ष में भारत का निर्यात और घट सकता है. 78 फीसदी का मानना था कि इससे आयात में भी गिरावट आ सकती है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सर्वे के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान हॉस्पेटिलिटी और टूरिज्म सेक्टर को होगा. एयरलाइंस कंपनियों, ऑटो और ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों को भी भारी घाटे की आशंका है. दुनिया भर में फैले कोरोनावायरस की वजह से फार्मा और ड्रग्स कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. इसेक बाद हेल्थकेयर और एफएमसीजी कंपनियों को इसका लाभ मिलेगा.

ज्यादातर लोगों का अनुमान था कि आरबीआई मौजूदा हालात को देख कर रेपो रेट में चौथाई से आधा फीसदी की कटौती कर सकता है. हालांकि उन्हें इस बात की आशंका थी कि कोरोनावायरस से हुए नुकसान की भरपाई के लिए इकनॉमी को बूस्ट करने के लिए सरकार जो कदम उठाएगी उससे राजकोषीय घाटा चौथाई फीसदी तक बढ़ सकता है.

घटेगा सरकार का रेवेन्यू

उधर, रॉयटर्स की एक खबर में कहा गया है कि कोरोनोवायरस की वजह से सरकार के राजस्व में कमी आ सकती है और इसके विनिवेश प्रोग्राम को भी झटका लग सकता है. सबसे ज्यादा नुकसान टूर और ट्रैवल इंडस्ट्री को हो सकता है. ट्रैवल इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक एयर लाइंस कंपनियों की इंटरनेशनल बुकिंग 90 फीसदी तक कम हो गई है वहीं, डोमेस्टिक बुकिंग में 70 फीसदी की गिरावट आई है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT