advertisement
आम आदमी के लिए राहत की खबर है. 7 महीने बाद रिटेल महंगाई में गिरावट देखने को मिली है. सब्जियों की महंगाई काबू में आना इसका अहम कारण बताया जा रहा है. सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में रिटेल महंगाई 6.58 परसेंट पर आ गई है, वहीं जनवरी के महीने में रिटेल महंगाई 7.6 परसेंट थी.
रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने महंगाई की जो उपरी सीमा तय की है. महंगाई अभी भी उससे ज्यादा ही है. अब मॉनेटरी पॉलिसी की अगली बैठक 3 अप्रैल को होने वाली है, जिस पर फिर से महंगाई पर बात होगी.
6 फरवरी को हुई मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर के अपने आकलन को संशोधित कर 6.5 फीसदी कर दिया था. उसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के दौरान खुदरा महंगाई दर 6.5 फीसदी रहेगी. चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर बढ़ कर 7.35 फीसदी दर्ज की गई थी.
पिछले कुछ महीनों में बढ़ती महंगाई की वजह से आरबीआई ने मौद्रिक नीति में रेपो रेट में कटौती नहीं की थी. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 4.9 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया है. यह सरकार के आकलन पांच फीसदी से कम है. दिसंबर की मॉनेटरी पॉलिसी ऐलान में आरबीआई ने पांच फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)