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शेयर बाजार में गुरुवार को भारी गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स 450 प्वाइंट गिर गया और निफ्टी 11,000 से भी नीचे चला गया.मेटल, कैपिटल गुड्स और फाइनेंस सेक्टर के शेयरों का प्रदर्शन काफी खराब रहा. शेयर बाजार में गिरावट बड़े दायरे में थी. बीएसई में 300 शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच गए. आइशर मोटर्स, ब्लू डार्ट, एक्साइड इंडस्ट्रीज, वीएसटी टिलर्स, केयर रेटिंग्स, मोतीलाल ओसवाल, एस्कॉटर्स, आरती इंडस्ट्रीज,आईएफबी एग्रो, सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयर रहे.
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है लेकिन आगे और कटौती होगी, उसने इसके साफ संकेत दिए. फेडरल रिजर्व ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कमजोरी की वजह से आगे और कटौती की संभावना नहीं है. बुधवार को अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड पर बातचीत बेनतीजा रही. इसका असर भारतीय बाजार पर दिखा और सेंसेक्स, निफ्टी दोनों गिर गए.
बीएसई और एनएसई में भारी गिरावट में विदेशी निवेशकों की बिकवाली का बड़ा हाथ रहा. एफआईआई ने जुलाई में 16 हजार करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए थे.
जून में कोर सेक्टर का ग्रोथ 0.2 फीसदी गिरा. सीमेंट और तेल सेक्टरों से जुड़े उद्योगों में गिरावट की वजह से कोर सेक्टर के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई. रिफाइनरियों और सीमेंट उद्योग के उत्पादन में भारी गिरावट की वजह से कोर सेक्टर का प्रदर्शन खराब हो गया.
जून तिमाही में कॉरपोरेट सेक्टर की कमाई में अच्छा इजाफा नहीं दिखा. कुछ अच्छे रिजल्ट्स ने चौंकाया लेकिन कुछ कंपनियों के वित्तीय नतीजों ने निराश किया. जबकि बाजार कंपनियों के काफी अच्छे वैल्यूएशन की उम्मीद लगाए बैठा था. इसका असर बाजार पर दिख रहा है.
निफ्टी अपने साइकोलॉजिकल लेवल 11 हजार से नीचे चला गया. यह 200 दिनों के अपने डेली मूविंग एवरेज (DMA) 11,140 से नीचे चला गया. जब तक इंडेक्स इस लेवल के नीचे रहता है तब तक बाजार में बिकवाली का दवाब बढ़ा रहता है.
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