Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019फिच का अनुमान-ग्लोबल इकनॉमी में 3.9% गिरावट, भारत-चीन पर भारी असर

फिच का अनुमान-ग्लोबल इकनॉमी में 3.9% गिरावट, भारत-चीन पर भारी असर

फिच का अनुमान है कि 2020 में ग्लोबल इकनॉमी में 3.9 फीसदी की भारी गिरावट आएगी.

क्विंट हिंदी
बिजनेस
Published:
फिच का अनुमान-ग्लोबल इकनॉमी में 3.9% गिरावट, भारत-चीन पर भारी असर
i
फिच का अनुमान-ग्लोबल इकनॉमी में 3.9% गिरावट, भारत-चीन पर भारी असर
(फोटोः The Quint)

advertisement

रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कोरोना वायरस की वजह से आने वाली मंदी को ‘बेजोड़’ बताते हुए अपने ग्लोबल ग्रोथ रेट के अनुमान में भारी कटौती है. फिच का अनुमान है कि 2020 में ग्लोबल इकनॉमी में 3.9 फीसदी की भारी गिरावट आएगी.

फिच ने कहा कि ग्लोबल इकनॉमी में भारी गिरावट की प्रमुख वजह चीन और भारत सहित एशिया की अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी गिरावट रहेगी. चीन और भारत दोनों की वृद्धि दर इस साल एक प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है.

लॉकडाउन को बढ़ा देना अहम वजह

फिच ने कहा कि दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने लॉकडाउन को बढ़ाकर आठ-नौ सप्ताह कर दिया है. पहले इसके करीब पांच सप्ताह रहने का अनुमान था. फिच ने कहा कि एक और महीने के बंद से सालाना आधार पर इनकम का फ्लोकरीब दो फीसदी घट जाएगा.फिच के चीफ इकनॉमिस्ट ब्रायन कुल्टन ने कहा,

‘‘2020 में वैश्विक सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी. वैश्विक अर्थव्यवस्था गहरी मंदी में होगी.‘‘

उन्होंने कहा कि यह अप्रैल की शुरुआत में लगाए गए हमारे अनुमान की तुलना में वैश्विक अर्थव्यवस्था में दोगुनी गिरावट होगी. इसके अलावा यह 2009 की तुलना में दोगुनी गहरी मंदी की स्थिति होगी.

रिपोर्ट में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी अनुमान में भारी कटौती की गई है. इसकी वजह एशिया के वृद्धि के इंजनों चीन और भारत में वृद्धि दर एक प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिंस कीमतों में गिरावट, पूंजी की निकासी और नीतिगत मोर्चे पर सीमित लचीलेपन की गुंजाइश की वजह से यह समस्या और बढ़ रही है.

जहां मेक्सिको, ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के जीडीपी अनुमान में बड़ा फेरबदल किया गया है वहीं अब चीन और भारत की ग्रोथ रेट एक फीसदी से कम रहने का अनुमान है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT