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शक्तिकांता दास ने बुधवार को आरबीआई के गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाल लिया. उन्होंने कहा कि आरबीआई की स्वायत्तता, संप्रभुता और विश्वसनीयता बरकरार रखना जरूरी है और वो इसे बरकरार रखेंगे.
आरबीआई के 25वें गवर्नर ने कहा कि आज के दौर में फैसले लेने की जटिलता को देखते हुए केंद्रीय बैंक के कामकाज के लिए राय-मशविरा करना जरूरी है, इसलिए वो गुरुवार को मुंबई स्थित सरकारी बैंकों के चीफ से मुलाकात करेंगे. मुंबई से बाहर के सरकारी बैंकों के चीफ से कुछ दिनों बाद मीटिंग करेंगे.
आरबीआई में हालिया उठापटक के बारे में पूछे जाने पर दास ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, "मैं इसमें नहीं पड़ने वाला कि सरकार और आरबीआई के बीच क्या मु़द्दे रहे या क्या समस्या थी, लेकिन सभी संस्थानों की अपनी पेशेवर संप्रभुता होनी चाहिए और इसकी पेशेवर स्वायत्तता बनाए रखनी चाहिए. यहीं पर सभी संस्थानों को भी जवाबदेही के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए."
उन्होंने कहा, "सरकार और आरबीआई के बीच स्वतंत्र, निष्पक्ष, उद्देश्यपूर्ण और खुली बातचीत होनी चाहिए. मैं महसूस करता हूं कि सभी मुद्दे, भले ही वो विवादित मामले हों, लेकिन बातचीत से सुलझाए जा सकते हैं."
बता दें कि शक्तिकांता मई 2017 तक मोदी सरकार में आर्थिक मामलों के पूर्व सेक्रेटरी रहे थे. नोटबंदी के ऐलान के वक्त आर्थिक मामलों के सेक्रेटरी थे. 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS हैं.
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