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फर्जी इनवॉइस को लेकर जीएसटी काउंसिल कमेटी को सुझाव दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि जीएसटी के तहत होने वाले नए पंजीकरण में आधार जैसा सिस्टम बनाया जाए. यानी फोटो और बायोमेट्रिक्स के इस्तेमाल को लेकर बात हुई है. ये सुझाव जीएसटी काउंसिल की विधि समिति ने दिया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के इनकम टैक्स अधिकारी शामिल हैं.
अब अगर इस सुझाव को मान लिया जाता है तो आधार की तरह तत्काल फोटो और बायोमेट्रिक्स के साथ डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन हो सकता है. जिसके बाद सभी नए रजिस्ट्रेशन इसी तरह से किए जाएंगे.
इस तरह की सुविधा अब तक बैंक, पोस्ट ऑफिस और जीएसटी सेवा केंद्रों में जारी है. जीएसटी सेवा केंद्र ठीक वैसे ही काम करता है जैसे पासपोर्ट सेवा केंद्र करता है. इसमें नए रजिस्ट्रेशन कराए जा सकते हैं और इस दौरान फर्जी रजिस्ट्रेशन की भी जांच होती है.
कमेटी को ये भी सुझाव दिया गया है कि अगर कोई शख्स बायोमेट्रिक आधार पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराना चाहता है तो उसे खुद फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए आना होगा. इसके साथ ही उसे दो टैक्सपेयर्स का रिकमंडेशन लेटर भी देना पड़ सकता है. इसके बाद अगर रिजस्ट्रेशन करने वाला शख्स भरोसेमंद पाया जाता है तो अगले 7 दिनों में उसका रजिस्ट्रेशन हो सकता है, वहीं अगर भरोसेमंद नहीं पाया गया तो करीब दो महीने में शर्तों के साथ उसे रजिस्ट्रेशन दिया जा सकता है.
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