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होटल बिल,स्कूल फीस...अब इन चीजों पर भी रहेगी टैक्स वालों की नजर

इनकम टैक्स के Form 26AS में क्या-क्या नया जुड़ने जा रहा है, पूरी लिस्ट

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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में आसानी लाने जैसे कई और टैक्स सुधारों का ऐलान किया गया है.
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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में आसानी लाने जैसे कई और टैक्स सुधारों का ऐलान किया गया है.
फोटो : iStock 

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अब 20,000 रुपए से ज्यादा का होटल बिल हो या एक लाख रुपए की ज्वेलरी खरीद, आपको इन बातों की जानकारी सरकार को देनी होगी. पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म लॉन्च किया, इसके साथ ही टैक्सेशन का दायरा बढ़ाने का ऐलान किया गया.

जानिए नए टैक्स स्कैनर की बातें

पीएम मोदी ने कहा कि- फेसलेस एसेसमेंट लागू हो रहा है. टैक्स सिस्टम भले ही फेसलेस हो रहा है लेकिन ये टैक्स सिस्टम फेसलेस और फीयरलेस होने का विश्वास देने वाला है.

सरकार टैक्स सिस्टम में सुधार, आसानी और ट्रांस्पैरेंसी के लिए हर तरह के लेनदेन पर नजर रखने का तैयारी में है. सरकार की नई पॉलिसी के मुताबिक अगर आप कोई व्हाइट गुड खरीदते हैं, प्रॉपर्टी टैक्स चुकाते हैं, मेडिकल या लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और होटल बिल का भुगतान करते हैं तो जिसको आपने भुगतान किया है, उसे इन लेन-देन की जानकारी सरकार को देनी होगी. साथ ही आपको ये सारे खर्चे Form 26AS में दर्ज मिलेंगे.

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किन-किन चीजों की देनी होगी जानकारी

  • 20 हजार रुपये से ज्यादा के इश्योरेंस प्रीमियम
  • 20 हजार रुपए से ज्यादा के होटल बिल के पेमेंट
  • लाइफ इंश्योरेंस पर 50,000 रुपये से ज्यादा का खर्च
  • एक लाख रुपए से ज्यादा की स्कूल फीस देने पर
  • एक लाख के मार्बल या पेंटिंग की खरीद पर
  • एक लाख की ज्वेलरी खरीदने पर
  • 20000 और एक लाख रुपए से ज्यादा होने पर प्राॉपर्टी टैक्स और बिजली के बिल के भुगतान की जानकारी भी सरकार को भेजी जाएगी.

घरेलू और विदेशी दोनों ही बिजनेस क्लास एयर ट्रैवल की जानकारी भी सरकार के पास जाएगी. आपके द्वारा किए गए सारे खर्च की डीटेल जानकारी Form 26 AS के नाम से जाने वाले tax account statement में पहले से ही दर्ज होंगे.

न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल 30 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति खरीदने, शेयरों में किया गया 10 लाख रुपये का निवेश, म्यूचुअल फंड, डीमैट, क्रेडिट कार्ड और फिक्स डिपॉजिट के जरिए किये गये 10 लाख रुपए से ज्यादा के लेन-देन की सूचना सरकार को देनी होती है.

पीएम मोदी ने बुधवार को कहा था, “देश में चल रहा स्ट्रक्चरल का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है. इस नए प्लेटफॉर्म में फेसलेस एसेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं. Faceless Assessment और Taxpayers Charter आज से लागू हो गए हैं. जबकि Faceless appeal की सुविधा 25 सितंबर यानि दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी.”

ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म सरकार के 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' प्रोग्राम के तहत शुरू किया गया है. सरकार की कोशिश होगी कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए बड़े टैक्स रिफॉर्म आएं, टैक्स सिस्टम ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी हो और ये टैक्सपेयर को मजबूत बनाए.

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Published: 14 Aug 2020,12:24 PM IST

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