Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019IMF की रिपोर्ट में भारत की वाहवाही, चीन को किया आगाह

IMF की रिपोर्ट में भारत की वाहवाही, चीन को किया आगाह

IMF ने चीन को चेताते हुए कहा कि कुल कर्ज का बढ़ता स्तर उसके लिए बड़ी चुनौती है.

क्विंट हिंदी
बिजनेस
Published:
IMF का कहना है कि वित्त वर्ष 2017 में भारत सरकार का कर्ज जीडीपी का 70 प्रतिशत रहा
i
IMF का कहना है कि वित्त वर्ष 2017 में भारत सरकार का कर्ज जीडीपी का 70 प्रतिशत रहा
(फोटो: iStock)

advertisement

आर्थिक मोर्चे पर आलोचनाओं का सामना कर रहे भारत के लिए एक अच्‍छी खबर है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की पॉलिसी की तारीफ करते हुए कहा है कि जीडीपी के अनुपात में भारत पर बहुत ज्यादा कर्ज है, लेकिन वह सही तरीके से इसे कम करने की कोशिश कर रहा है.

IMF के वित्तीय मामलों के विभाग के उपनिदेशक अब्देल सेन्हादजी का कहना है कि वित्त वर्ष 2017 में भारत सरकार का कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 70 प्रतिशत रहा. उन्होंने कहा:

‘‘भारत में कर्ज का स्तर काफी ज्यादा है, लेकिन अधिकारी सही नीतियों से इसे मध्यम स्तर पर लाने की कोशिश कर रहे हैं.’’

आईएमएफ के टॉप अधिकारी का कहना है कि भारत संघीय स्तर पर अपने राजकोषीय घाटे को 3 प्रतिशत और कर्ज के अनुपात को 40 प्रतिशत के स्तर पर लाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि ये टारगेट सही है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'चीन के लिए कर्ज पर काबू पाना चुनौती'

IMF ने दूसरी ओर चीन को चेताते हुए कहा कि कुल कर्ज का बढ़ता स्तर उसके लिए बड़ी चुनौती है. साथ ही चीन को इसमें कमी लाने के लिए स्थानीय निकायों के राजस्व स्रोतों पर विचार करना होगा. स्थानीय निकायों की कुल सरकारी खर्च में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

IMF के वित्तीय मामलों के विभाग के निदेशक विटोर गास्पर ने कहा, ‘‘सरकारी फंडिंग के मामले में कर्ज और राजकोषीय घाटे के आंकड़े नरम हैं. मुद्दा यह है कि चीन के सरकारी खर्च में देश में राष्ट्रीय स्तर से निचले दर्जे की इकाइयों के जरिए बड़ा हिस्सा व्यय किया जाता है.''

उन्होंने कहा कि निजी और सार्वजनिक, दोनों स्‍तर का कर्ज चिंता की बात है. यही वजह है कि कर्ज के स्तर पर नियंत्रण चीन के लिए बड़ी चुनौती है.

(इनपुट भाषा से)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT