Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019IMF का अनुमान-2021 में भारत का कर्ज बढ़कर GDP के 90% तक हो सकता है

IMF का अनुमान-2021 में भारत का कर्ज बढ़कर GDP के 90% तक हो सकता है

IMF ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा.

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(फोटो: IANS)

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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अनुमान लगाया है कि केंद्र और राज्यों सहित सरकारी कर्ज 2021-22 के दौरान सकल जीडीपी के रिकॉर्ड 90.6 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा, जो पिछले वर्ष में 89.6 प्रतिशत था.

आईएमएफ ने अपने नए फिस्कल मॉनिटर में कहा है कि वित्त वर्ष 23 के दौरान यह 88.8 प्रतिशत हो जाएगा, लेकिन अगले पांच सालों के दौरान 2026-27 तक 85 प्रतिशत से अधिक रहेगा.

देश में कोविड -19 के आने से पहले, सरकारी कर्ज 80 फीसदी से कम था. साल 2020 में देश का कर्ज-जीडीपी अनुपात 74 फीसदी था, वहीं पिछले वित्त वर्ष में 70.4 प्रतिशत, वित्त वर्ष 18 में 69.7 प्रतिशत और उससे पहले के वर्ष में 68.9 प्रतिशत था.

बता दें कि मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा था कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. आईएमएफ के जारी अनुमानों के मुताबिक, भारत इस वित्तवर्ष में 9.5 फीसदी और अगले वित्तवर्ष में 8.5 फीसदी की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा.

वित्त वर्ष 21 में केंद्र का कर्ज जीडीपी का 58.8 प्रतिशत था. वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में यह थोड़ा गिरकर 57.6 फीसदी पर आ गया.

फरवरी के बजट में सकल बाजार उधारी के 12.05 ट्रिलियन रुपये की घोषणा के बाद, सरकार ने मई में कहा कि उसे जीएसटी मुआवजे की कमी को पूरा करने के लिए बाजार से अतिरिक्त 1.58 ट्रिलियन रुपये उधार लेने पड़ सकते हैं. हालांकि, बाजार से उधारी केंद्र के कुल कर्ज का एक छोटा सा हिस्सा है. उदाहरण के लिए, यह Q1FY22 के दौरान कुल कर्ज का 6.1 प्रतिशत था.

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आईएमएफ ने भारत के केंद्र और राज्यों दोनों के राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 22 में दोहरे अंकों में रहने का अनुमान लगाया, जबकि यह पिछले साल के 12.8 प्रतिशत से GDP का 11.3 प्रतिशत हो जाएगा.

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