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भारत ने अमेरिका की ओर से मिलने वाली कारोबारी सुविधाओं को खत्म करने के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है.लगभग एक साल तक संयम दिखाने के बाद भारत ने अमेरिका से आने वाले सेब, बादाम और अखरोट समेत 28 सामानों पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगा दिया है. भारत में ये आइटम अब महंगे हो सकते हैं. लेकिन इससे भारत के एल्यूमीनियम और स्टील पर बढ़े अमेरिकी टैरिफ से हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी.
वाणिज्य मंत्रालय ने 16 जून से अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया. पिछले साल भारत ने कुछ अमेरिकी सामानों के आयात पर 120 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था. यह ऐलान भारत के स्टील और एल्यूमीनियम पर अमेरिका में टैरिफ बढ़ाने के जवाब में किया गया था. लेकिन इन भारत ने जवाबी टैरिफ लगाने के फैसले पर अमल नहीं किया था .
शनिवार को कॉमर्स मिनिस्ट्री ने सेब, अखरोट और बादाम समेत 28 अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया. भारत में सबसे ज्यादा सेब और बादाम अमेरिका से आता है. इसके अलावा अमेरिकी चना, दालों, अखरोट और झींगा मछली की कुछ प्रजातियों का भी भारत खरीदार है.
कॉमर्स मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया है कि भारतीय स्टील और एल्यूमीनियम पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से भारत को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई अमेरिकी सामानों पर टैरिफ बढ़ाने से हो जाएगी.
जिन अमेरिकी सामानों पर ड्यूटी बढ़ाई गई है उनमे 18 आयरन और स्टील आइटम हैं. इसे अमेरिका को भारत के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. भारत ने अपने स्टील और एल्यूमीनियम प्रोडक्ट पर टैरिफ से छूट की मांग की थी. लेकिन इसे मंजूर नहीं किया गया. जबकि कनाडा और यहां तक कि मेक्सिको को भी छूट मिल गई.
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर में कहा गया है कि जिन अमेरिकी सामानों पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया गया है उनमें 800 सीसी से ऊपर के अमेरिकी मोटरसाइकिल शामिल नहीं हैं. ट्रंप अक्सर अमेरिकी बाइक कंपनी हार्ले डेविडसन की मोटरसाइकिलों पर भारत में हाई टैरिफ की शिकायतें करते रहे हैं.
हाल में भारत ने इन पर टैरिफ घटा कर 50 फीसदी कर दिया था. लेकिन ट्रंप इससे भी संतुष्ट नहीं दिखे. उनकी शिकायत थी कि भारत जैसे देश उसके सामानों पर भारी टैरिफ लगा रहे हैं. जबकि अमेरिका इन देशों को लगातार छूट देता रहा है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की 24 जून की भारत यात्रा पर टैरिफ बढ़ाने के इस फैसले का थोड़ा-बहुत असर दिख सकता है. पोम्पियो ने कहा था कि अमेरिका भारत से अपने कारोबारी विवादों को सुलझाने लिए तैयार है. अमेरिका भारत में अपनी कंपनियों को और ज्यादा मौका और सहूलियत देने पर जोर दे रहा है.
पोम्पियो ने पिछले दिनों कहा था कि अमेरिकी कंपनियों को मौका देने वाले देशों को हमसे काफी फायदा हुआ है. अमेरिका का कहना है कि भारत के ई-कॉमर्स और डेटा लोकलाइजेशन से जुड़े नियम अमेजन.कॉम, वॉलमार्ट, मास्टर कार्ड और वीजा जैसी उसकी कंपनियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
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