Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019महंगाई का दौर, फिर भी गिर रहे कच्चे तेल से लेकर खाने का तेल सहित कमोडिटी के दाम?

महंगाई का दौर, फिर भी गिर रहे कच्चे तेल से लेकर खाने का तेल सहित कमोडिटी के दाम?

Recession: पिछले छह महिनों के आकड़ों के अनुसार निफ्टी कमोडिटी इंडेक्स में 14 फीसदी की गिरावट आई है.

क्विंट हिंदी
बिजनेस
Published:
<div class="paragraphs"><p>महंगाई का दौर फिर भी गिर रहे कच्चे तेल से लेकर खाने का तेल सहित कमोडिटी के दाम?</p></div>
i

महंगाई का दौर फिर भी गिर रहे कच्चे तेल से लेकर खाने का तेल सहित कमोडिटी के दाम?

फोटो- क्विंट

advertisement

महामारी (Covid Pandemic) की चोट से धीरे धीरे निकल रही दुनिया फिर रूस और यूक्रेन के युद्ध (Russia-Ukraine War) की वजह से फंस गई है जिसके बाद महंगाई (Inflation) आसमान छू रही है. लेकिन महंगाई, बढ़ती ब्याज दरों, मजबूत डॉलर (US Dollar) और जंग की तनातनी के बीच मंदी (Recession) के डर की वजह से क्रूड ऑयल (Crude Oil) ही नहीं बल्कि, खाने का तेल (Edible Oil), गेहूं, सोना, सिल्वर सहित तमाम कमोडिटी के दाम नीचे आने लगे हैं.

सीटी रिसर्च की एक रिपोर्ट बताती है कि मंदी के डर की वजह से चीजों की मांग में कमी आती है और अर्थशास्त्र के अनुसार जब मांग में कमी हो तो दाम में भी कमी आती है. अभी मंदी का डर साफ है जिस तरह से अमेरिका और यूरोप के देश ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं इसकी वजह से ये देश मंदी भी देख सकते हैं जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा.

बता दें कि पिछले छह महीनों के आकड़ों के अनुसार निफ्टी कमोडिटी इंडेक्स में 14 फीसदी की गिरावट आई है. इस इंडेक्स में तेल, पेट्रोलियम उत्पाद, सीमेंट, बिजली, रसायन, चीनी, धातु और खनन जैसे सेक्टर शामिल हैं.

ब्रेंट क्रूड इस समय 100 से 105 डॉलर प्रति बैरल के बीच घूम रहा है. इंडस्ट्रियल मेटल्स सेक्टर को देखिए- यहां कॉपर ने लंदन मेटल एक्सचेंज पर 6 जुलाई को 20 महीने का निचला स्तर छू लिया है. एल्युमीनियम और जिंक का भी लगभग यही हाल है.

पाम ऑयल का दाम अप्रैल के अपने रिकॉर्ड लेवल से करीब 45% नीचे है. सोयाबीन में लगभग 17% और सनफ्लावर ऑयल में करीब 12% गिरावट है. पहले गेहूं का दाम मार्च में अपने उच्च स्तर पर था लेकिन अब इसमें भी 35% की कमी आई है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कमोडिटी के दामों में आई गिरावट की सबसे बड़ी वजह तो मंदी के डर को बताया जा रहा है और आर्थिक मंदी का डर इसलिए नजर आ रहा है क्योंकि ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बाजार में इंडस्ट्रियल कमोडिटी की मांग गिर रही है.

कोविड महामारी के दौरान क्रूड निर्यातक देशों ने उत्पादन घटाया था. पिछले दिनों उन्होंने उत्पादन बढ़ाने की ओर कदम बढ़ाए हैं. इसके चलते आने वाले दिनों में बाजार में ज्यादा क्रूड उपलब्ध हो सकता है. इसके चलते भी क्रूड के दाम पर दबाव दिख रहा है.

खाद्य तेलों के दाम घटने की एक बड़ी वजह इंडोनेशिया का एक फैसला है. उसने पाम ऑयल के निर्यात पर रोक लगाई थी, जिसे बाद में हटा लिया गया.

गेहूं की बात करें तो दुनिया में गेहूं का सबसे बड़ा सप्लायर रूस है जिसने पिछले दो महीनों में निर्यात बढ़ाया है और एक्सपोर्ट ड्यूटी भी घटाई है. अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में अच्छे मौसम के चलते गेहूं, मक्के और दूसरी फसलों की अच्छी उपज की उम्मीद से भी कीमतों पर असर पड़ा है.

आगे अब सवाल केवल मंदी का है, अमेरिका में आने वाली मंदी का असर पूरी दुनिया पर पडे़गा और भारत भी इस असर का भागीदार बनेगा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT