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बड़े शहरों की ‘राशन की दुकान’ कहा जाने वाला बिग बाजार बिक गया है. फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर और सीईओ किशोर बियानी ने पूरा रिटेल बिजनेस रिलायंस को बेच दिया है. ये डील 24,713 करोड़ में हुई है. बिग बाजार और एफबीबी समेत अब फ्यूचर ग्रुप के सभी बिजनेस का मालिक रिलायंस बन गया है. फ्यूचर ग्रुप को खड़ा करने वाले बियानी कर्ज में डूब चुके थे, जिसके बाद उन्होंने अपना पूरा बिजनेस रिलायंस को बेच दिया.
मुंबई के एचआर कॉलेज से पढ़ाई करने वाले किशोर बियानी ने 1980 में डेनिम के कपड़े बेचकर शुरुआत की थी. उन्होंने जल्द ही अपना Manz वियर गार्मेंट का बिजनेस शुरू किया, जिसे बाद में पैंटालून्स नाम से जाना जाने लगा. केवल 26 साल की उम्र में 1997 में बियानी ने पैंटालून्स की शुरुआत की थी.
कपड़ों के रिटेल सेक्टर में घुसने के बाद बियानी ने इसे फ्रेंचाइजी मॉडल में बदल दिया. पैंटालून्स के बढ़ते स्टोर के साथ-साथ बियानी का बिजनेस भी बढ़ता गया. इसी बीच उन्होंने BARE और John Miller जैसे ब्रांड्स भी लॉन्च किए.
करीब 10 साल बाद 2001 में, उन्होंने भारत में पहला बिग बाजार लॉन्च किया. बियानी ने भारतीय मिडिल क्लास को एक ही छत के नीचे पूरा बाजार दे दिया. बिग बाजार को भारत का वॉलमार्ट भी कहा जाता है. देश की सबसे बड़ी हाइपरमार्केट चेन बिग बाजार के करीब 120 शहरों में 250 से ज्यादा स्टोर हैं.
बिग बाजार की लॉन्चिंग केवल बियानी के करियर में ही नहीं, बल्कि भारतीय रिटेल सेक्टर के लिए भी काफी अहम थी.
कंपनी के कर्ज में होने के बावजूद, किशोर बियानी ने कई नए बिजनेस को लॉन्च किया. 2014 में फ्यूचर ग्रुप ने दक्षिण भारत में बिजनेस को मजबूत करने के लिए 300 करोड़ में निलगिरिज सुपरमार्केट के ग्रॉसरी स्टोर खरीदे.
2016 में, फ्यूचर ग्रुप ने भारती रिटेल के छोटे ग्रॉसरी स्टोर चेन Easyday को खरीदा. हालांकि, कॉस्ट कटिंग के लिए कंपनी ने पिछले साल करीब 100 Easyday स्टोर बंद कर दिए.
2016 में ही, फ्यूचर ग्रुप ने बेंगलुरु की रिटेल चेन Heritage Fresh के 124 स्टोर खरीदे. 2017 में, बियानी के फ्यूचर ग्रुप ने घाटे में चल रहे HyperCity रिटेल को 650 करोड़ रुपयों में खरीदा.
चुनौतियों ने बियानी को कई बिजनेस को बेचने पर मजबूर कर दिया. फंड जुटाने की जद्दोजहद में 2012 में, बियानी ने अपनी पहली फ्रेंचाइजी पैंटालून्स को आदित्य बिड़ला ग्रुप को करीब 1600 करोड़ में बेच दिया. उस समय फ्यूचर ग्रुप पर करीब 7,850 करोड़ का कर्ज था.
इसी साल उन्होंने फ्यूचर कैपिटल होल्डिंग्स में मेजर हिस्सेदारी अमेरिका स्थित प्राइवेट इक्विटी वारबर्ग पिंक्स को बेच दी थी. बियानी अमेरिकी कंपनी स्टेपल्स में पार्टनर को अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचकर इस स्टेशनरी ज्वाइंट वेंचर से भी बाहर हो गए थे. उस समय फ्यचूर ग्रुप पर करीब 5,000 करोड़ का कर्ज था.
अगस्त 2019 में, बियानी ने फ्यूचर कूपंस में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी अमेजन डॉटकॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी को बेच दी थी. फ्यूचर कूपंस की फ्यूचर रिटेल में करीब 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 30 सितंबर 2019 तक, फ्यूचर ग्रुप की सभी कंपनियों पर कुल 12,778 करोड़ का कर्ज था.
किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के साथ भी वही हुआ, जो भारत में नोकिया के साथ हुआ था. बदलते वक्त के साथ नहीं बदलने से फ्यूचर ग्रुप को काफी नुकसान हुआ. कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों से मिली टक्कर को बियानी ने नजरअंदाज किया, जिसका खामियाजा कंपनी को भुगतना पड़ा.
रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग बिजनेस को खरीदा है. कंपनी की डायरेक्टर ईशा अंबानी ने कहा कि इस डील के साथ हम फ्यूचर ग्रुप के नामी फॉर्मेट और ब्रांड्स को अपना बिजनेस इकोसिस्टम बचाने के लिए एक घर दे रहे हैं. फ्यूचर ग्रुप इन बिजनेस में शामिल अपनी सभी कंपनियों का विलय करके फ्यूचर इंटरप्राइजेज लिमिटेड (FEL) बनाएगा. फ्यूचर ग्रुप के ब्रांड्स में बिग बाजार, FBB, इजीडे, ब्रांड फैक्ट्री शामिल हैं.
लोगों को फैशन सिखाने वाले बियानी काफी सादा जीवन जीते हैं. कई ब्रांड के मालिक बियानी असल जिंदगी में काफी सरल जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं. बियानी का सपना था कि वो सभी को वो चीजें उपलब्ध कराएं, जो केवल अमीर खरीद सकते थे. और उन्होंने इसे पूरा किया भी.
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