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रुपये की कमजोरी, आपकी जेब पर इन 4 तरह से पड़ती है भारी

डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से महंगाई में इजाफे के आसार काफी बढ़ जाते हैं

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बिजनेस
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रुपये में कमजोरी आपकी जेब पर पड़ती है बहुत भारी 
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रुपये में कमजोरी आपकी जेब पर पड़ती है बहुत भारी 
(फोटो : रॉयटर्स)

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17 सितंबर को रुपया डॉलर के मुकाबले गिर कर 71.79 पर पहुंच गया. पहले से दबाव में चल रहा रुपया सऊदी अरब की कंपनी अरामको के तेल प्लांट पर ड्रोन हमले के बाद और ढह गया. दरअसल इस हमले से तेल की सप्लाई पर असर पड़ा और इसकी कीमतें बढ़ गईं. लिहाजा हमें अब ज्यादा डॉलर देकर तेल खरीदना पड़ रहा है. इसी का असर रुपये पर पड़ा है और इसकी कीमत गिर गई है. रुपये में यह गिरावट देश की अर्थव्यवस्था से लेकर आम आदमी पर एक जैसा मार करती है. आइए समझते हैं.

तेल की मंहगाई

चूंकि भारत आयातित तेल पर निर्भर है. हम अपने डॉलर रिजर्व का बड़ा हिस्सा तेल खरीदने में खर्च करते हैं. यानी हम ज्यादा डॉलर खर्च करते हैं इससे रुपया कमजोर होता जाता है. ज्यादा डॉलर देकर खरीदा गया तेल भी जाहिर है महंगा बिकेगा. इसका सीधा असर महंगाई पर पड़ता है. जिस दिन रुपया कमजोर होकर 71.79 पर पहुंचा उसी दिन पेट्रोल की कीमत 18 पैसे और डीजल की कीमत 33 पैसे प्रति लीटर बढ़ गई. अगर कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो महीने भर का आपका तेल का बजट तो बिगड़ेगा ही.

रोजमर्रा की चीजों के बढ़ जाते हैं दाम

पेट्रोल डीजल की महंगाई रोजमर्रा की हर चीज महंगी कर देती है. महंगा तेल, सप्लाई को महंगा कर देती है क्योंकि एक जगह से दूसरी जगह सामान पहुंचाने मेंडीजल पर चलने वाले ट्रकों का इस्तेमाल होता है. डीजल महंगा होने से ढुलाई का खर्च भी बढ़ जाता है और इसका असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है. हालांकि महंगाई अभी आरबीआई की ओर से तय लक्ष्य के दायरे में ही है. लेकिन अगर पेट्रोल-डीजल लंबे वक्त तक महंगा बना रहा तो महंगाई में इजाफे को रोकना मुश्किल होगा.

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विदेश में पढ़ाई महंगी

रुपये की कीमत में गिरावट से विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाती है. क्योंकि हर डॉलर के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं. अगर 2017 में एक डॉलर के बदले 65 रुपये खर्च करना पड़ रहा था तो अब एक डॉलर के बदले 71.79 रुपये खर्च करने होंगे. रुपये में इस गिरावट का असर अमेरिका में पढ़ने वाले दो लाख से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट्स पर सीधा होगा. वहां ट्यूशन फीस को छोड़ कर सिर्फ रहने-खाने में हर महीने 600 से 800 डॉलर खर्च हो जाते हैं. यानी हर महीने 43 से लेकर 57 हजार रुपये इस पर खर्च करने पड़ते हैं. सोचिए,अगर रुपये की गिरावट और बढ़ी तो छात्र-छात्राओं का बोझ कितना बढ़ जाएगा.

विदेश यात्रा हो जाती है महंगी

अगर आपने फॉरन टूर पर जाना का फैसला किया है. तो आपका खर्च और बढ़ जाएगा. रुपये की तुलना में डॉलर महंगा होने पर आपको अब ज्यादा रुपये देकर डॉलर खरीदना होगा. अमेरिका में आप ट्रेन में सफर करेंगे, रेस्तरां में जाएंगे या शॉपिंग करेंगे. आपको सभी चीजों के लिए ज्यादा रुपये देकर डॉलर खरीदने होंगे.

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Published: 18 Sep 2019,06:10 PM IST

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