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कार बाजार में मंदी के लिए ओला-उबर नहीं जिम्मेदार - मारुति सुजुकी

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के एक शीर्ष अधिकारी ने अपनी राय रखी

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देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के एक शीर्ष अधिकारी ने अपनी राय रखी
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देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के एक शीर्ष अधिकारी ने अपनी राय रखी
(फोटो: Reuters)

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युवा आबादी में ओला, उबर सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ना आर्थिक मंदी का कोई ठोस कारण नहीं है बल्कि इसके उलट इस संबंध में किसी निष्कर्ष पर पहुंवने के लिए एक विस्तृत स्टडी किये जाने की जरूरत है. देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह कहा है.

मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के सेल्स एंड मार्केटिंग विभाग के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव ने एक इंटरव्यू में न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि भारत में कार खरीदने को लेकर धारणा में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है और लोग अपनी आकांक्षा के तहत कार की खरीदते हैं.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा था कि ज्यादातर लोगों की सोच में बदलाव आया है जो अब मासिक किस्तों की अदायगी करते हुए एक कार खरीदने की जगह ओला और उबर जैसे टैक्सी सेवा का लाभ लेना पसंद करते हैं और यह आटो मोबाइल क्षेत्र में मंदी के कई कारणों में से एक है.  

'पिछले कुछ महीनों में ऐसा क्या हुआ?'

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मौजूदा मंदी के पीछे ओला और उबर जैसी सेवाओं का होना कोई बड़ा कारण नहीं है. मुझे लगता है कि इस तरह के निष्कर्षो पर पहुंचने से पहले हमें और गौर करना होगा और अध्ययन करना होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ओला और उबर जैसी सेवायें पिछले 6-7 वर्षो में सामने आई हैं. इसी अवधि में आटो उद्योग ने कुछ बेहतरीन अनुभव भी हासिल किये हैं. इसलिए केवल पिछले कुछ महीनों में ऐसा क्या हुआ कि मंदी गंभीर होती चली गई? मुझे नहीं लगता कि ऐसा केवल ओला और उबर की वजह से हुआ है.’’

उन्होंने कहा कि मंदी से निपटने के लिए पिछले महीने घोषित किये गये सरकार के उपाय काफी नहीं हैं और ये उपाय उद्योग के लॉन्ग टर्म स्वास्थ्य के लिए मददगार हो सकते हैं, क्योंकि ये बुनियादी तौर पर ग्राहकों की धारणाओं पर ध्यान देते हैं.

सोसायटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (एसआईएएम) के मुताबिक अगस्त महीने में घरेलू वाहनों की बिक्री 23.55 प्रतिशत घटकर 18,21,490 यूनिट रह गई जो पिछले वर्ष के इसी महीने में 23,82,436 यूनिट हुई थी.

(इनपुट-भाषा)

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