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12 सरकारी बैंकों को केंद्र सरकार देगी 48,239 करोड़

वित्त मंत्रालय के फाइनेंशियल सर्विस विभाग के सचिव ने 12 बैंकों की मांग को सरकार की तरफ से मंजूरी दे दी 

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फाइनेंशियल सर्विस सचिव ने दी जानकारी
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फाइनेंशियल सर्विस सचिव ने दी जानकारी
(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

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वित्त वर्ष 2019-20 के लिए वित्त मंत्रालय ने ऐलान किया है कि वो 12 सरकारी बैंकों को 48 हजार 239 करोड़ रुपये देगा. केंद्र सरकार ने इन 12 बैंकों की पुनर्पूंजीकरण (Recapitalization) की मांग को मान कर ये कदम उठाया है. इससे बैंकों को अपनी योजनाओं को पूरा करने में बड़ी मदद मिलेगी.

सरकार के इस ऐलान के बाद कॉर्पोरेशन बैंक को सबसे ज्यादा 9,086 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक को 6,896 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया को 4,638 करोड़ रुपये के पुनर्पूंजीकरण की मदद देगा. वहीं बैंक ऑफ महाराष्ट्र को सबसे कम 205 करोड़ रुपये मिलेंगे.

फाइनेंशियल सर्विस सचिव ने दी जानकारी

वित्त मंत्रालय के फाइनेंशियल सर्विस विभाग के सचिव ने बुधवार शाम को ट्वीट करके जानकारी दी कि 12 बैंकों की मांग को सरकार की तरफ से मंजूरी दे दी गई है. राजीव कुमार ने अपने ट्वीट में बताया है कि केंद्र सरकार ने जो कॉरपोरेशन बैंक में 9,086 करोड़ रुपए और इलाहाबाद बैंक में 6,896 करोड़ रुपए की पूंजी डालने का फैसला किया है, वो इसलिए कि ये दोनों बैंक रिजर्व बैंक की पीसीए के तहत है और दोनों ही बैंक का प्रदर्शन बाकियों से अच्छा रहा है.

किस बैंक को मिला कितना?

इस पुनर्पूंजीकरण के बाद बैंकों को अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने में और नए स्कीम लागू करने में आसानी होगी. वहीं इन सरकारी बैंकों को मिले इतने पैसे-

  • पंजाब नेशनल बैंक 5908 करोड़
  • यूनियन बैंक 4112 करोड़
  • आंध्रा बैंक 3256 करोड़
  • बैंक ऑफ इंडिया 4638 करोड़
  • सिंडिकेट बैंक 1603 करोड़

पैसे देने की कड़ी शर्तें

NPA से जूझ रहे बैंकों ने इससे पहले जनवरी, 2018 में केंद्र सरकार से करीब 1 लाख करोड़ की मांग की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था. मगर कुछ शर्तें भी रखीं थी. साल 2018 में जब बैंकों को रकम दी गई थी उस समय सरकार ने कहा था कि बैंकों को रकम यूं ही नहीं मिलेगी. वित्तीय सर्विस मामलों के सेक्रेटरी राजीव कुमार ने कहा था कि इसके लिए बैंकों पर कड़ी निगरानी भी रहेगी. बैंकों को अपने दम पर बाजार से रकम जुटानी होगी.

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