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देश में रोजगार का सबसे बड़ा जरिया माने जाने वाला MSME (Micro, Small & Medium Enterprises) जिसे हिंदी में छोटे और मध्यम स्तर के उद्योग क्षेत्र कहा जाता है, इसे लेकर एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने 3 फरवरी को एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि, वित्त वर्ष 2021 के दौरान, सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 67% एमएसएमई ने कहा कि वे कोरोना महामारी के कारण अस्थायी रूप से बंद हो गए थे.
तो क्या देश में MSME सेक्टर के हाल बेहाल हैं, महामारी के अलावा कैसे पहुंच रही है इस सेक्टर को चोट और घाव भरने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
महामारी के कारण 2020-21 में अधिकतर एमएसएमई सेक्टर के राजस्व में 25 फीसदी की गिरावट आ गई थी. ऑल इंडिया असोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय कलंत्री ने कहा था कि, MSME को पिछले एक दशक से अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में पैरेलाइज्ड नीतियों के कारण बहुत नुकसान हुआ है. डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स यानी जीएसटी की वजह से और डिमॉनेटाइजेशन ने व्यवस्था में और अराजकता पैदा कर दी थी.
Elista के सीईओ, पवन कुमार ने कहा कि, सभी व्यवसायों का 90% एमएसएमई सेक्टर है, यहां से 70% रोजगार मिलता है, जीडीपी में इसका 50% योगदान है. यानि यह भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है. लेकिन कोरोना की वजह से इस सेक्टर में वर्किंग केपिटल की खासतौर से कमी आ गई. अब एसएमबी सेक्टर धीरे-धीरे रिकवर कर रहा है. लेकिन बाजार में मांग कम है.
क्विंट हिंदी ने तत्काल उपायों पर तीन एक्सपर्ट्स से बात की, उनमें से एक Hirect India के फाउंडर और सीईओ राज दास ने बताया कि, MSME सेक्टर अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, राजगार सृजन करने का काम करता है, ऐसे में जल्द से जल्द कुछ उपाय उठा कर इन्हें पटरी पर लाया जा सकता है. उन्होंने बताया -
MSME को टैक्स बेनिफिट मिलने चाहिए. इसके लिए ब्याज दरों को कम करना चाहिए और क्रेडिट सीमा को बढ़ाने की आवश्यकता है.
MSME के लिए Collateral (लोन लेने के बदले दी अटेच की जाने वाली संपत्ति) आवश्यकताओं पर छूट दी जानी चाहिए जो महामारी से प्रभावित हुए हैं.
इसके अलावा, सेक्टर को डिजिटल बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए
डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना चाहिए
मौजूदा स्किल की कमी को दूर करना होगा
वस्तु एवं सेवा कर (GST) में सुधार कर दरों में कमी लाई जानी चाहिए
साथ ही MSME सेक्टर्स को भी जरूरत है कि वे अपनी ओवरऑल स्ट्रैटेजी में भी बदलाव करें, जैसे अपीन क्वालिटी को बढ़ाए, डिस्ट्रिब्यूशन चैनल में बदलाव करें, डिजिटल इकोसिस्टम के इस्तेमाल को बढ़ाएं.
ऑल इंडिया असोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय कलंत्री कहते हैं कि सरकार क हर मोर्चे पर सुधार करने की जरूरत है. नियमों और विनियमों का सरलीकरण किया जाना चाहिए और FEMA और IBC अधिनियम को वापस लेना चाहिए.
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